Mauni Amavasya 2025: पितृ दोष से चाहते हैं मुक्ति, तो स्नान के बाद जरूर करें ये उपाय
Mauni Amavasya 2025: हिंदू धार्मिक मान्यता के अनुसार मौनी अमावस्या तिथि पितरों को समर्पित होती है।इस दिन पवित्र नदियों में स्नान दान और पितरों के नाम से तर्पण करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है।साथ ही इस दिन भगवान विष्णु और भगवान शिव की पूजा भी की जाती है। मान्यता है कि मौनी अमावस्या पर पितर धरती पर अपने वंशजों को आशीर्वाद देने आते हैं। अगर आप भी जीवन में किसी प्रकार की परेशानियों का सामना कर रहे हैं तो पितृ दोष से मुक्ति मिल सकती है। मौनी अमावस्या के दिन कुछ खास उपाय करन से पितर प्रसन्न होते हैं। जिससे मनुष्य के सभी बिगड़े काम बनने लगते हैं।
मौनी अमावस्या का शुभ समय
हिंदू पंचांग के मुताबिक, माघ महिने की अमावस्या तिथि की शुरुआत मंगलवार, 28 जनवरी को शाम 7 बजकर 37 मिनट पर होगी। तिथि की समाप्ती 29 जनवरी की है। उदयातिथि के आधार पर मौनी अमावस्या का पर्व 29 जनवरी को मनाया जाएगा। वहीं इस बार मौनी अमावस्या के दिन शिववास, सिद्धि,त्रिग्रही, वृषभ गुरु और वज्र योग बन रहा है। ज्योतिष के अनुसार,यह योग बहुत ही शुभ होता है। इस योग में किए गए कार्यों का फल दुगना हो कर मिलता है।
मौनी अमावस्या पर होगा दूसरा अमृत स्नान
मौनी अमावस्या के दिन महाकुंभ का दूसरा अमृत स्नान किया जाएगा। इस दौरान संगम में स्नान करने के बाद भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए। साथ ही पितरों के लिए जल तर्पण करने का नियम है। तर्पण के दौरान ‘ॐ पितृ देवतायै नम:’ मंत्र का जाप करना चाहिए। ऐसा करने से सुख, सौभाग्य और संतान की प्राप्ति होती है।
पितृ दोष से मुक्ति का उपाय
इस दिन पवित्र नदियों में स्नान के साथ दान करना भी शुभ माना गया है। मौनी अमावस्या पर जरूरत मंद लोगों को वस्त्र और अन्न का दान करना चाहिए। इसके अलावा पशु-पक्षियों को दाना डालना अच्छा माना जाता है। मान्यता है कि इन कार्यों को करने से मनुष्य को पितृ दोष से मुक्ति मिलती है।
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