भारत के मिग-21 का हवा में दबदबा, K-13 मिसाइल से ढेर हुआ पाकिस्तानी मिराज

Mig 21 Big Kill: भारतीय वायुसेना का मिग-21को पुराने युग का योद्धा माना जाता है। जिसने अपने इतिहास में कई बार आधुनिक लड़ाकू विमानों को चुनौती देकर दुनिया को चौंकाया है। खास तौर पर, K-13मिसाइलों के साथ मिग-21की उपलब्धियां भारतीय सैन्य शक्ति का प्रर्दशन करती है। इसी के साथ मिग-21ने पाकिस्तानी मिराज जेट को भी मार गिराया था।
, जो आज भी सैन्य विशेषज्ञों और इतिहासकारों के बीच चर्चा का विषय है। यह लेख ताजा जानकारी और ऐतिहासिक साक्ष्यों के आधार पर उस घटना को बयान करता है, जिसमें मिग-21ने K-13मिसाइल के साथ पाकिस्तानी मिराज को निशाना बनाया।
मिग-21और K-13मिसाइल
मिग-21, जिसे नाटो ने "फिशबेड" कोडनेम दिया, सोवियत संघ द्वारा 1950के दशक में डिजाइन किया गया एक सुपरसोनिक जेट था। यह अपनी गति (मैक 2.1), चपलता और छोटे आकार के कारण हवाई युद्ध में प्रभावी माना जाता था। मिग-21का मुख्य हथियार K-13 (नाटो कोडनेम: AA-2 Atoll) एक इन्फ्रारेड-निर्देशित हवा-से-हवा मिसाइल थी। जिसे अमेरिकी AIM-9साइडवाइंडर के आधार पर विकसित किया गया था। K-13की रेंज लगभग 7-10किलोमीटर थी, और यह अपनी सटीकता और त्वरित प्रतिक्रिया के लिए जानी जाती थी।
बता दें, भारतीय वायुसेना (IAF) ने 1960के दशक से मिग-21को अपने बेड़े में शामिल कर इसे विभिन्न युद्धों में तैनात किया। मिग-21की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक 1971के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान सामने आई, जब मिग-21ने K-13मिसाइलों के साथ पाकिस्तानी वायुसेना (PAF) के विमानों को निशाना बनाया था।
1971का युद्ध और मिग-21का पहला बड़ा किल
1971के भारत-पाकिस्तान युद्ध की वजह से ही बांग्लादेश का निर्माण हुआ। मिग-21के लिए एक महत्वपूर्ण युद्धक्षेत्र साबित हुआ। इस युद्ध में भारतीय वायुसेना की मिग-21FL (फोर्साज़ लोकेटर) ने कई पाकिस्तानी विमानों को मार गिराया। विशेष रूप से, मिग-21ने पाकिस्तानी F-104A स्टारफाइटर्स और अन्य विमानों को निशाना बनाया।
मिग-21की तकनीकी विशेषताएं
मिग-21FL एक सिंगल-सीट, सिंगल-इंजन जेट था, जो 14.7मीटर लंबा और 7.15मीटर के विंगस्पैन वाला था। इसका ट्यूमांस्की R-11इंजन इसे 2230किमी/घंटा (मैक 2.1) की अधिकतम गति प्रदान करता था। K-13मिसाइल, जिसे मिग-21पर तैनात किया गया था, अपनी इन्फ्रारेड होमिंग क्षमता के कारण नजदीकी हवाई युद्ध (डॉगफाइट) में बेहद प्रभावी थी। मिग-21की छोटी रडार क्रॉस-सेक्शन और त्वरित गतिशीलता ने इसे हवाई युद्ध में एक खतरनाक प्रतिद्वंद्वी बनाया।
पाकिस्तानी मिराज का पतन
पाकिस्तानी वायुसेना ने 1971 में मिराज III को तैनात किया था, जो उस समय एक उन्नत लड़ाकू विमान माना जाता था। यह विमान अपनी गति, रडार प्रणाली और बहुमुखी क्षमताओं के लिए जाना जाता था। हालांकि, मिग-21 के खिलाफ इसकी कमजोरियां तब उजागर हुईं, जब भारतीय पायलटों ने अपनी रणनीति और K-13 मिसाइल की सटीकता का उपयोग किया। मिराज III का नुकसान पाकिस्तानी वायुसेना के लिए एक झटका था, क्योंकि यह उनके बेड़े का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था। इस घटना ने मिग-21 की शक्ति को विश्व स्तर पर उजागर किया।
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