हाथ में कलावा,माथे पर तिलक और पहचान पत्र...भोपाल में आमने-सामने आए दो धर्म, इस कार्यक्रम में मुसलमानों की 'Entry बैन!

Bhopal News: सितंबर से शुरू हो रहे शारदीय नवरात्रि के मौके पर मध्य प्रदेश में गरबा पंडाल को लेकर विवाद तेज हो गया है। हिंदू संगठनों और भाजपा नेताओं ने गैर-हिंदुओं के प्रवेश पर रोक लगाने की मांग की है।
भोपाल हिंदू उत्सव समिति के अध्यक्ष चंद्रशेखर तिवारी ने कहा कि पंडाल के गेट पर भगवान विष्णु के वराह अवतार की तस्वीर लगानी होगी और प्रवेश से पहले सभी को देवी के चरण छूकर तिलक लगाना जरूरी होगा। उनका दावा है कि ऐसा करने से गैर-हिंदुओं का प्रवेश रोका जा सकेगा। भाजपा सांसद आलोक शर्मा और राज्य मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने भी इस कदम का समर्थन किया है, उन्होंने कहा कि यह त्योहार सनातन परंपरा का पवित्र अवसर है और इसे दुरुपयोग नहीं होने दिया जाएगा।
नए नियमों के तहत पहचान-पत्र और तिलक अनिवार्य
भोपाल में गरबा पंडाल आयोजकों ने नए सख्त नियम लागू करने की तैयारी शुरू कर दी है। अध्यक्ष सुनील यादव ने घोषणा की है कि केवल वही लोग पंडाल में प्रवेश कर सकेंगे जिनके माथे पर तिलक होगा और जो कलावा पहनेंगे। साथ ही पहचान-पत्र जैसे आधार कार्ड दिखाना भी जरूरी होगा ताकि उनकी धर्म पहचान की जा सके। इस फैसले के बाद राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर तीखी बहस छिड़ गई है। आलोचक इसे धार्मिक बहिष्कार और मानवता के खिलाफ बता रहे हैं, जबकि समर्थक इसे परंपराओं की रक्षा करार दे रहे हैं।
कांग्रेस का कड़ा विरोध,BJP पर धार्मिक राजनीति का आरोप
मध्य प्रदेश कांग्रेस के मीडिया कोऑर्डिनेटर नरेंद्र सलूजा ने भाजपा की इस मांग की निंदा करते हुए इसे नफरत फैलाने वाला कदम बताया। उन्होंने कहा कि भाजपा धर्म के नाम पर समाज में दरार डाल रही है और यह पूरी तरह से राजनीतिक चाल है। सलूजा ने आरएसएस प्रमुख से मस्जिद और मदरसों का दौरा करने की सलाह दी और कहा कि मोदी जी के साथ मुस्लिम नेता घर पर मौजूद हैं, फिर भी भाजपा इस तरह की बाते क्यों कर रही है। उनका मानना है कि यह विवाद नवरात्रि के पावन माहौल को बिगाड़ने की कोशिश है।
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