Raksha Bandhan 2025: भाई की दाहिनी कलाई पर राखी बांधने के पीछे छिपे कई कारण, जानें पौराणिक और धार्मिक महत्व

Raksha Bandhan 2025:  भाई की दाहिनी कलाई पर राखी बांधने के पीछे छिपे कई कारण, जानें पौराणिक और धार्मिक महत्व

Raksha Bandhan:  रक्षाबंधन एक ऐसा पावन पर्व है जो भाई-बहन के बीच के अटूट रिश्ते को और गहरा करता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधकर उनकी लंबी आयु और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं। बदले में, भाई अपनी बहन की रक्षा और सहयोग का वचन देते हैं। भारत में यह त्योहार बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। पंचांग के अनुसार, रक्षाबंधन 2025 में 9 अगस्त, शनिवार को मनाया जाएगा। यह पर्व श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को होता है, जो प्रेम, विश्वास और पारिवारिक एकता का प्रतीक है।

दाहिने हाथ पर राखी बांधने की परंपरा

रक्षाबंधन की एक खास परंपरा है कि राखी भाई के दाहिने हाथ की कलाई पर बांधी जाती है। इसके पीछे गहरे धार्मिक और सांस्कृतिक कारण हैं। हिंदू धर्म में दाहिना हाथ शुभता और पवित्रता का प्रतीक माना जाता है। यज्ञ, पूजा या अन्य धार्मिक कार्यों में दाहिने हाथ का ही उपयोग होता है। दाहिना हाथ कर्म और शक्ति का प्रतीक है, जो रक्षा और सहयोग के संकल्प को दर्शाता है। बहन राखी बांधकर यह कामना करती है कि भाई हर परिस्थिति में उसका साथ देगा। भगवान विष्णु, श्रीराम और श्रीकृष्ण जैसे देवताओं से जुड़ी परंपराएं भी दाहिने हाथ की महत्ता को रेखांकित करती हैं।

रक्षाबंधन 2025 की पूजा विधि

रक्षाबंधन के दिन सुबह स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण किए जाते हैं। इसके बाद पूजा की थाली तैयार की जाती है, जिसमें घी का दीपक, मिठाई, चावल, रोली, राखी और फूल रखे जाते हैं। पूजा में सबसे पहले भगवान गणेश और मां लक्ष्मी की आराधना की जाती है, जो सभी विघ्नों को दूर करते हैं। बहन भाई के माथे पर रोली का तिलक लगाती है, राखी बांधती है और उसके सुखी जीवन की प्रार्थना करती है। अंत में, मिठाई बांटकर उत्सव की खुशी को साझा किया जाता है, जो इस पर्व को और भी खास बनाता है।

 

Leave a comment