Bihar Elections: बिहार में विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच बुर्का पहनकर मतदान करने वाली महिलाओं की पहचान को लेकर सियासी घमासान तेज हो गया है। शनिवार को चुनाव आयोग और राजनीतिक दलों की बैठक में बीजेपी ने मांग की कि बुर्का या पर्दा पहनकर आने वाली महिलाओं के चेहरों का सख्ती से मिलान उनके वोटर आईडी (EPIC) से किया जाए, ताकि फर्जी मतदान को रोका जा सके।
बिहार बीजेपी अध्यक्ष दिलीप जायसवाल की अगुवाई में एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार से मुलाकात कर यह मुद्दा उठाया। साथ ही चुनाव को एक या अधिकतम दो चरणों में कराने की सिफारिश भी की गई।
विपक्ष ने बताया ‘ध्रुवीकरण की राजनीति’
बीजेपी की इस मांग पर विपक्षी दल आरजेडी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। पार्टी के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने इसे "सांप्रदायिक एजेंडा" बताते हुए कहा कि बीजेपी अल्पसंख्यक महिलाओं को निशाना बना रही है। उन्होंने कहा कि हाल ही में हुए विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के तहत सभी मतदाताओं के नए फोटोयुक्त EPIC जारी किए गए हैं, इसलिए पहचान को लेकर किसी संशय की गुंजाइश नहीं है। तिवारी ने आरोप लगाया कि बीजेपी जानबूझकर बुर्के के मुद्दे को उछालकर ध्रुवीकरण की राजनीति करना चाहती है।
जल्द घोषित होंगी चुनाव तिथियां
चुनाव आयोग ने सभी प्रमुख दलों — जेडीयू, कांग्रेस, आरजेडी, बीजेपी, बसपा और CPI(ML) — से बातचीत की। जेडीयू ने एक चरण में चुनाव कराने की सिफारिश की, जबकि अन्य दलों ने इसे दो चरणों तक सीमित रखने की बात कही। आयोग ने अभी चुनाव की तारीखों की घोषणा नहीं की है, लेकिन अनुमान है कि अक्टूबर-नवंबर में 243 सीटों पर मतदान होगा। बुर्का विवाद अब सिर्फ पहचान का मामला नहीं रह गया है, बल्कि यह बिहार की चुनावी राजनीति में एक संवेदनशील मुद्दा बनता जा रहा है।
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