
Highway Accidents: देशभर में राष्ट्रीय राजमार्गों पर बढ़ते सड़क हादसों को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने ठेकेदारों पर सख्ती का लेवल बढ़ा दिया है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने बनाओ-चलाओ-हस्तांतरित करो (BOT) मॉडल के तहत बने हाईवे प्रोजेक्ट्स के लिए नए नियमों का ऐलान किया है। अब अगर किसी हाईवे के 500मीटर से कम के सेक्शन में एक से ज्यादा दुर्घटनाएं होंगी, तो ठेकेदार पर 25लाख रुपये तक का जुर्माना लगेगा। दो या इससे ज्यादा हादसों पर यह राशि 50लाख रुपये तक पहुंच सकती है। यह आदेश 2नवंबर को जारी हुआ, जो तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है।
जुर्माने के साथ सुधार पर जोर
मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ये संशोधन BOT दस्तावेजों में किए गए हैं, ताकि ठेकेदारों में पारदर्शिता और गुणवत्ता सुनिश्चित हो। सचिव वी. उमाशंकर ने कहा 'पहले ठेकेदारों को केवल चेतावनी दी जाती थी, लेकिन अब हादसों के बाद तत्काल सुधार पर फोकस होगा।' इसके अलावा, हाईवे पर ठेकेदारों के नाम चिन्हित करने का भी प्रावधान है, ताकि जिम्मेदारी को समझा जा सकें। शुरुआती जांच में ब्लैक स्पॉट्स (हादसों वाले क्षेत्र) की पहचान कर ठेकेदारों को 48घंटों में सुधार करने का समय दिया जाएगा। अगर अनदेखी हुई, तो जुर्माने के साथ अनुबंध रद्द करने या ब्लैकलिस्ट करने की कार्रवाई हो सकती है।
क्यों उठाया गया यह कदम?
दरअसल, भारत में सड़क हादसे एक राष्ट्रीय संकट बन चुके हैं। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय की 2022की रिपोर्ट के अनुसार, देश में 4.61लाख दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 1.68लाख मौतें और 4.43लाख घायल हुए। 2021से तुलना में हादसे 11.9%बढ़े, जबकि मौतें 9.4%। उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा 1.08लाख मौतें दर्ज की गईं।
राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के आंकड़ों से पता चलता है कि खराब रखरखाव, गड्ढे और अपर्याप्त साइनेज के कारण 33.8% हादसे जानलेवा होते हैं। हाल ही में केरल के NH-66 पर 250 मीटर सड़क धंसने से ठेकेदार पर स्थायी प्रतिबंध लगाया गया और उसे अपने खर्चे पर पुनर्निर्माण का आदेश दिया गया। इसी तरह, बॉम्बे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र में गड्ढों से मौत पर ठेकेदारों से 2.5 लाख मुआवजा वसूलने का फैसला सुनाया।
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