Bihar Election: '...नहीं तो 100 प्रत्याशियों को उतार देंगे', जीतन राम मांझी ने NDA से की इतनी सीटों की मांग

Bihar Election: '...नहीं तो 100 प्रत्याशियों को उतार देंगे', जीतन राम मांझी ने NDA से की इतनी सीटों की मांग

Jitan Ram Manjhi Demands Seat To NDA: बिहार चुनाव को लेकर सरगर्मी तेज हो गई है। एनडीए और महागठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर मंथन जारी है। इसी बीच एनडीए खेमे की तरफ से जीतन राम मांझी ने अपनी चाहत जाहिर कर दी है। उन्होंने बताया है कि वह कितनी सीटों पर चुनाव लड़ना चाहते हैं। साथ ही उन्होंने बताया कि अगर उन्हें मन मुताबिक सीट नहीं मिलती है, तो वह क्या कदम उठाएंगे।

बिहार में जीतन राम मांझी की हिन्दुस्तान आवाम मोर्चा-सेक्युलर के अभी चार विधायक हैं। बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के पहले उसनके पास एक विधायक था। लेकिन 2020 के विधानसभा में उन्हें तीन सीटों का फायदा हुआ और विधायकों की संख्या चार हो गई। तब के चुनाव में एनडीए ने जीतन राम मांझी को सात सीटें दी थी। इनमें से एक पर जमानत जब्त हो गई थी।

जीतन राम मांझी ने मांगी सीटें 

दरअसल, जीतन राम मांझी की पार्टी चार विधायकों और एक सांसद के बावजूद भारत निर्वाचन आयोग के लिए एक 'निबंधित गैर-मान्यताप्राप्त दल' है। निबंधित मान्यता प्राप्त दल बनने के लिए उन्हें बिहार में आठ विधायकों वाली पार्टी का ओहदा हासिल करना होगा। लिहाजा आठ या 10 सीटों पर लड़कर यह संभव नहीं लग रहा है। ऐसे में आठ सीटों पर जीत के लिए 15 से 20 सीटों पर प्रत्याशी उतारना होगा। अब जीतन राम मांझी ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि अगर उन्हें एनडीए में 15 सीट नहीं मिलती है तो वह 100 सीटों पर प्रत्याशी उतार कर कुल मतदान का 6% वोट हासिल कर मान्यता लेने की कोशिश करेंगे।   

क्या मांझी जुटा पाएंगे हिम्मत ? 

एनडीए से बाहर होना जीतन राम मांझी के लिए आसान नहीं होगा। क्योंकि इसके लिए कुछ उदहारण हैं जिन्हें याद करना होगा। उपेंद्र कुशवाहा , नीतीश कुमार और चिराग पासवान ये तीनों नेता एक समय पर एनडीए से नाता तोड़ लिए थे लेकिन, अंतत: उन्हें भाजपा के साथ एनडीए में वापस आना पड़ा। हालांकि, चिराग पासवान के चाचा पशुपति पारस भी लोकसभा चुनाव 2024 के पहले एनडीए से अलग हो गए थे लेकिन, उन्होंने अभी तक एनडीए में वापसी नहीं की है।

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