
Reels Addiction: इन दिनों सोशल मीडिया का यूज बढ़ता ही जा रहा हैं। युवाओं में इंस्टाग्राम रील्स और यूट्यूब शॉर्ट्स का क्रेज देखा जा सकता है। अक्सर लोग अपना टाइम पास करने के लिए इंस्टाग्राम या फेसबुक पर रील्स और वीडियो देखना शुरू करते हैं। लेकिन इन्हीं वीडियोस को देखने में उनका काफी समय वेस्ट हो जाता है। लेकिन बाद में ये खतरनाक लत बन जाते हैं, जो सेहत को प्रभावित कर सकते हैं।
एक स्ट़़डी के अनुसार, 15 सेकेंड्स से लेकर 1 मिनट तक वाले इन रील्स को देखने से खुशी देने वाला हार्मोन डोपामाइन रिलीज होता है, जो हमें इनका आदी बना देता है। इसलिए, जरूरी है कि हम इस लत से छुटकारा पाना का प्रयास करें। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह लत आपके बचपन से जुड़ी हुई हो सकती है।
क्या कहती है स्टडी?
कंप्यूटर्स इन ह्यूमन बिहेवियर में पब्लिश एक स्टडी में बताया गया है कि इस तरह की लत बचपन के बुरे अनुभव की ओर इशारा करते हैं। वहीं, शोधकर्ताओं ने चीनी यूनिवर्सिटी के छात्रों का सर्वे कर पाया कि अगर किसी का बचपन बुरी यादों या अनुभवों से भरा है तो उन्हें इन शॉर्ट्स वीडियोज की लत लगने का खतरा ज्यादा रहता है।
बचपन की बुरी यादों या अनुभवों में मानसिक या शारीरिक शोषण, उपेक्षा, फैमिली प्रॉब्लम्स, किसी अपने के साथ हुई हिंसा जैसी घटनाएं शामिल हो सकती हैं। इसलिए ध्यान भटकाने के लिए शुरू में शॉर्ट्स वीडियोज देखे जाते हैं, जो समय के साथ एक बुरी लत बनकर सामने आता है।
कैसे होता है रील्स का एडिक्शन?
आपको बता दें, इंस्टाग्राम या फेसबुक पर रील्स और वीडियो देखने की लत लगने के पीछे का सबसे बड़ा कारण मनोविज्ञान का है। दरअसल, एक के बाद एक नए वीडियो देखने से हमारा दिमाग खुशी देने वाला हार्मोन डोपामाइन रिलीज करता है। जो हमें खुशी और संतुष्टि के साथ रोमांच का एहसास कराता हैं। इसलिए हम लगातार रील्स देखने को मजबूर हो जाते हैं। साथ ही, रील्स देखने की कोई लिमिट नहीं होती। इस वजह से एक वीडियो देखने के बाद हम दूसरे वीडियो को स्क्रॉल कर देखने लगते हैं, जिसका कोई अंत नहीं होता।
सोशल मीडिया की लत से कैसे बचें
यूट्यूब शॉर्ट्स, इंस्टाग्राम और फेसबुक पर रील देखने से खुद को रोकने का कोई फॉर्मूला नहीं है। लेकिन कुछ आसान स्टेप्स को फॉलो करने इस लत से छुटकारा मिल सकता है।
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