
रोहतक: हरियाणा की नई शिक्षा नीति चिराग को लेकर भले ही राजनीतिक पार्टियां सवाल खड़ा कर रही हो कि इस नीति लाने से सरकारी स्कूलों पर ताला लग जायेगा। वहीं सरकार ने नियम 134 को खत्म कर दिया। नियम134 में गरीब बच्चो को निजी स्कूलों में 10 प्रतिशत ही कोटा निर्धारित किया हुआ जिसमे अनेक नियम बनाए गए थे जिसमे एक किलोमीटर के बाद अगर सरकारी स्कूल नही होने पर और परीक्षा ले कर ही प्रवेश निजी स्कूलों में दिया जाता था।
निजी स्कूल नियम134 के गरीब आर्थिक कमजोर बच्चो को एडमिशन देने पर आनाकानी करते थे। मगर सरकार ने गरीब बच्चो को निजी स्कूलों में पढ़ाई के लिए चिराग नीति लेकर आए है। जिसमे कोई पाबंदी किसी जिसमे सरकार के जिन गरीब परिवार की आय एक लाख अस्सी हजार से कम है उनके बच्चो के लिए निजी स्कूलों में प्रवेश के लिए कोई पाबंदी नहीं रहेगी। वहीं सरकार प्राथमिक तक 700 रुपए,मिडिल के लिए 900 रुपए और सीनियर सेकंडरी तक पढ़ने पर 1100 रुपए फीस के रूप में निजी स्कूलों को अदा करेगी।
विरेन्द्र मलिक जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि सरकार ने नई शिक्षा नीति चिराग ले कर आई है इसमें निजी स्कूलों में पढ़ने पर सरकार गरीब आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के बच्चो के पढ़ने पर आर्थिक मदद सरकार करेगी। इस चिराग स्कीम में प्राथमिक क्लास में पढ़ने पर 700 रुपए प्रति माह और मिडिल क्लास तक 900 रुपए और सीनियर सैकंडरी तक पढ़ने पर निजी स्कूलों में पढ़ने पर 1100 रुपए फीस के रूप में प्रति माह देगी। इस स्कीम का लाने का सरकार का मकसद यही है जो नियम134 खत्म होने पर गरीब बच्चे निजी स्कूलों में पढ़ने से वंचित हो गए थे।
नियम134 में काफी नियम लागू थे। जिसमें एक किलोमीटर के दायरे में अगर सरकारी स्कूल है तो एडमिशन नहीं होता था इस चिराग स्कीम ऐसी कोई शर्त नहीं है। गरीब आर्थिक कमजोर परिवार जिनकी सालाना आय एक लाख अस्सी हजार से कम है इस स्कीम का फायदा उठा सकते है। गरीब आर्थिक कमजोर परिवार के बच्चे निजी स्कूलों में प्रवेश ले सकते है। चिराग स्कीम के लिए सरकार ने निजी स्कूलों को आनलाइन अप्लाई करने को लिए कहा गया है अब तक तीन निजी स्कूलों ने इस स्कीम के तहत पंजीकरण करवाया है।
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