
Supreme Court 10 Historical Verdict In 2024: साल 2024 अंत की ओर है। हर एक बिता हुआ दिन नए साल की ओर ले जा रहा है। वहीं पुराना साल अतीत के पन्नों में दर्ज हो जाएगा। इस साल की यादें अब एक एल्बम में संजो कर रखने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है। क्योंकि, ये बिता हुआ वक्त वापस नहीं आएगा।
खैर 2024 तो अपने अंत की तरफ है लेकिन, इस साल चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और सुप्रीम कोर्ट दोनों सुर्खियों में रहे। सुप्रीम कोर्ट के कुछ ऐसे फैसले दिए, जिसने सुर्खियां बटोरी। आइए जानते हैं साल 2024 में सुप्रीम कोर्ट के 10 ऐतिहासिक फैसले
बिलकिस बानो केसः सुप्रीम कोर्ट ने बिलकिस बानो केस के सभी आरोपियों की रिहाई के फैसले को पलट दिया था। जिसके बाद सभी आरोपियों को फिर के जेल जाना पड़ा था। बता दें कि 2002 के गुजरात दंगे के दौरान बिलकिस बानों का बलात्कार किया गया था। कोर्ट ने इस मामले में 11 लोगों को दोषी ठहराया था।
इलेक्ट्रल बॉन्ड की वैधताः 2024 लोकसभा चुनाव से पहले सुप्रीम कोर्ट ने 2018 के इलेक्ट्रल बॉन्ड योजना रद्द कर दिया था। इस योजना के तहत बड़ी-बड़ी कंपनियां राजनीतिक दलों को चंदा देते थे लेकिन उनका नाम गुप्त रखा जाता था। सुप्रीम कोर्ट ने इस योजना को पारदर्शिता की कमी बताया था साथ ही भारतीय स्टेट बैंक से लेन-देन की जानकारी सार्वजानिक करने का आदेश दिया था।
अरविंद केजरीवाल को जमानतः दिल्ली शराब घोटाला मामले में गिरफ्तार अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी थी। इस फैसले ने पीएमएलए में जमानत के कड़े मानदंडों की व्याख्या को नरम किया और राजनीतिक दलों के नेताओं की जमानत में नए दृष्टिकोण का रास्ता खोला
एससी-एसटी में उप वर्गीकरण की वैधताः सुप्रीम कोर्ट ने एससी-एसटी में उप वर्गीकरण के निर्णय को सही बताया था। कोर्ट ने कहा था कि यह निर्णय राज्यों को विशेष वर्गों के भीतर उप-वर्गीकरण करने का अधिकार देता है। जिससे समाज के भीतर समानता सुनिश्चित हो सके।
औद्योगिक शराब पर नियमः खनिज क्षेत्र विकास प्राधिकरण बनाम स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया, उत्तर प्रदेश सरकार बनाम ललता प्रसाद वैष केस के नौ जजों की पीठ ने केंद्र और राज्यों के बीच कानून बनाने की शक्तियों के विभाजन को स्पष्ट किया था। कोर्ट ने माना था कि राज्य को औद्योगियक शराब पर कानून का अधिकार है।
चाइल्ड पोनोग्राफी रखना दंडनीय अपराधः जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रन एलायंस बनाम एस हरिश केस में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया था कि बच्चों से जुड़ी यौन उत्पीड़न और शोषण सामग्री रखना दंडनीय अपराध है।
नागरिकता अधिनियम की धारा 6A की वैधताः इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने असम समझौते के तहत नागरिकता प्राप्त करने की शर्तों को बरकरार रखा था और धारा 6A को संविधान के अनुकूल ठहराया था।
निजी संपत्ति को सामुदायिक संसाधन मानने का मामलाः कोर्ट ने सह निर्णय दिया था कि निजी संपत्ति केवल तब तक सामुदायिक संसाधन मानी जा सकती है, जब वह विशेष मानदंडों को पूरा करती हो, जैसे की राष्ट्रीयकरण और अधिग्रहण
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालयः सुप्रीम कोर्ट ने 75 साल पुरानी प्रथा को पलटते हुए निर्णय दिया था कि कोई संस्थान अल्पसंख्यक समुदाय द्वारा स्थापित किया गया था, तो अल्पसंखयक दर्जा प्राप्त हो सकते हैं। भले ही वह कानून द्वारा स्थापित हो।
बुलडोजर एक्शन रोकने का निर्णयः सुप्रीम कोर्ट ने अवैध रूप से किए गए बुलडोजर कार्रवाई पर रोकने के फैसला सुनाया था। कोर्ट ने कहा था दूसरे पक्ष को सुनने के बाद ही अवैध संपत्ति पर बुलडोजर चलाया जा सकता है। हालांकि, अतिक्रमण पर बुलडोजर कार्रवाई पर रोक नही है लेकिन, 15 दिन पहले नोटिस देना होगा।
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