America Shutdown: अमेरिका में सरकारी शटडाउन का दूसरा हफ्ता चल रहा है और अभी तक कोई स्पष्ट समाधान नहीं नजर आ रहा। कांग्रेस के दो मुख्य दल, रिपब्लिकन और डेमोक्रेट, इस मुद्दे पर संवाद विफलता के कारण फंसे हुए हैं। दोनों पक्ष एक-दूसरे पर दोषारोपण करते रहे हैं, जबकि हजारों फेडरल कर्मचारियों को बिना वेतन छुट्टियां या नौकरी से निकाला जा रहा है। ऐसे में लाखों परिवारों की जिंदगी प्रभावित हो रही है और आर्थिक नुकसान बढ़ता जा रहा है।
अर्थव्यवस्था पर मंडरा रहा संकट
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आर्थिक सलाहकारों ने शुरूआत में ही चेतावनी दी थी कि शटडाउन के लंबे समय तक चलने से अमेरिकी अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान हो सकता है। व्हाइट हाउस के एक मेमो के मुताबिक हर हफ्ते इस स्थिति से देश की GDP में करीब 15 अरब डॉलर का नुकसान होता है और अगर एक महीने तक शटडाउन चलता रहा तो 43,000 से ज्यादा लोग बेरोजगार हो सकते हैं। शटडाउन के कारण कई महत्वपूर्ण सरकारी विभाग जैसे ट्रेजरी, हेल्थ और एजुकेशन में बड़े पैमाने पर लेऑफ हो रहे हैं।
सरकारी सेवाएं ठप, आम जनता पर प्रभाव
न्यूयॉर्क टाइम्स और वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्टों के अनुसार स्मिथसोनियन म्यूजियम्स, नेशनल जू बंद हैं, एयर ट्रैफिक कंट्रोल पर दबाव बढ़ा है, और किसानों को जरूरी ऋण नहीं मिल रहे। स्वास्थ्य सेवाओं में कमी आई है, विशेषकर नेटिव अमेरिकन समुदायों में, जबकि वेटरन्स को भी करियर काउंसलिंग नहीं मिल रही। इससे व्यापारियों, छोटे व्यवसायों और निम्न आय वर्ग पर दबाव बढ़ा है। खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम भी संकट में हैं, जिससे कमजोर तबके की मदद रुक सकती है।
राजनीतिक गतिरोध जारी, समाधान की उम्मीद कम
अमेरिकी संविधान के अनुसार, फंडिंग के बिना सरकार के विभाग काम नहीं कर सकते। 1 अक्टूबर से शुरू हुए शटडाउन का कारण बजट पास न हो पाना है। डेमोक्रेट्स और रिपब्लिकन के बीच मुद्दों पर असहमति बनी हुई है। अगर स्थिति जल्द नहीं सुधरी तो नौकरियों में और कटौती और आर्थिक नुकसान बढ़ेगा। अमेरिकी जनता और अर्थव्यवस्था के लिए बेहतर होगा कि दोनों दल बातचीत कर किसी मध्य मार्ग पर सहमति बनाएं, अन्यथा लंबा शटडाउन गंभीर परिणाम ला सकता है।
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