मुख्तार अंसारी की मौत पर आखिर राजभर और अजय राय ने क्यों साधी चुप्पी, क्या है राजनीतिक मायने

मुख्तार अंसारी की मौत पर आखिर राजभर और अजय राय ने क्यों साधी चुप्पी, क्या है राजनीतिक मायने

Mukhtar Ansari Death: मऊ के माफिया जिसके नाम से धरती थर्रा जाती थी उसका अंत हो गया। हम बात कर रहे हैं मुख्तार अंसारी की। भले ही मुख्तार अंसारी की मौत हो गई लेकिन माफिया की मौत पर सियासत जारी है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से लेकर के बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल खड़ा किए हैं। लेकिन यूपी के दो बड़े नेता ऐसे हैं जो इसपर चुप्पी साधे हुए हैं। उनकी चुप्पी के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। हम बात कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय और सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर की कर रहे हैं। इनकी चुप्पी इस लिए भी अखर रही हैं क्योंकि  राजभर की पार्टी से ही मुख्तार के बेटे अब्बास विधायक हैं।

मुख्तार से रहे हैं अच्छे रिश्ते

जब यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री और सुभासपा अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर से मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल किया गया तो उन्होंने सवाल को टालते हुए कहा,‘मैं कुछ नहीं बोलूंगा, मेरी मां की तबीयत ठीक नहीं है।’ ओपी राजभर ने खामोशी साधी हुई है। खबरों के अनुसार, राजभर और मुख्तार अंसारी करीबी दोस्त रह चुके हैं। जब राजभर विपक्ष के गठबंधन में थे तब वो मुख्तार से मिलने बांदा जाते थे। राजभर ने कई बार सार्वजनिक तौर पर अपने रिश्ते मुख्तार से बताए हैं।

अजय राय ने भी साधी चुप्पी

ये खामोशी सिर्फ ओम प्रकाश राजभर की तरफ से ही नहीं बल्कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय की तरफ से भी है। जबकि मुख्तार ने अजय राय के बड़े भाई अवधेश राय की हत्या की थी। बात दें, 3 अगस्त 1991 में को वाराणसी के चेतगंज में अवधेश राय की हत्या की गई थी। इस मामले में अजय राय ने ही मुख्तार अंसारी, कमलेश सिंह, भीम सिंह, राकेश कुमार और अब्दुल कलाम के खिलाफ केस दर्ज कराया था। जिसमें 5 जून 2023 को मुख्तार अंसारी को उम्रकैद और 1 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई थी। अजय राय की खामोशी के पीछे सियायत बताई जा रही है। दरअसल, उत्तर प्रदेश में कांग्रेस और सपा का गठबंधन है और इस समय अंसारी परिवार, सपा में है। ऐसे में अजय राय का कुछ भी बोलना गठबंधन पर असर डाल सकता है।

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