छापेमारी में जब्त किया पैसा अब गरीबों में बांटेगी सरकार! जानें अब तक इस पैसे का क्या होता था?

छापेमारी में जब्त किया पैसा अब गरीबों में बांटेगी सरकार! जानें अब तक इस पैसे का क्या होता था?

Enforcement Directorate: चुनावी सीजन में पूरे देश में सियासी माहौल गरमाया हुआ है। ऐसे में सभी पार्टिया बड़े-बड़े दावे कर रही है,ऐसा ही एक दावा PM मोदी ने किया है।उन्होंने पश्चिम बंगाल के कृष्णानगर लोकसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार अमृता रॉय से बात करते हुए कहा कि, ईडी के जब्त पैसे को मैं गरीबों के बीच बांटना चाहते है।उन्होंनेउनसे कहा कि वे ऐसे कानूनी विकल्पों पर काम कर रहे हैं ताकि सरकार बनने के बाद ईडी द्वारा भ्रष्टाचारियों से जब्त किये गये तीन हजार करोड़ रुपये गरीबों को लौटा सकें। यह गरीबों की मेहनत की कमाई है, जो उन्हें लौटाया जायेगा।

आपको बता दें कि, हाल ही में ईडी की टीम ने पश्चिम बंगाल में कार्रवाई कर 3 हजार करोड़ रुपये जब्त किए थे। ये आंकड़ा सिर्फ पश्चिम बंगाल का है। इसके अलावा पिछले कुछ समय से ईडी लगातार कई राज्यों में कार्रवाई कर रही है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ईडी द्वारा जब्त किए गए करोड़ों रुपये का क्या होता है, क्या आरोपी को वह पैसा वापस मिलता है?

करोड़ों रुपये जब्त करने के बाद ED उनका क्या करती है?

अगर ईडी कहीं कार्रवाई करते वक्त नकदी जब्त कर लेती है तो वह उसे हमेशा अपने पास नहीं रख सकती। प्रोटोकॉल के मुताबिक, जब एजेंसी पैसे जब्त करती है तो सबसे पहले आरोपी को अपना पक्ष रखने और यह बताने का मौका देती है कि इतना पैसा कहां से आया। अगर वह इसका स्रोत बताता है तो उसे इसका सबूत भी देना होगा। यदि वह सबूत देने में विफल रहता है, तो ईडी राशि जब्त कर लेती है और प्रक्रिया को आगे बढ़ाती है।

ऐसे मामलों में ईडी भारतीय स्टेट बैंक के अधिकारियों को सूचित करती है ताकि वहां के कर्मचारी मौके पर पहुंचें और नोट गिनने की मशीन से रकम गिनना शुरू कर दें। बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक रकम की गणना बेहद व्यवस्थित तरीके से की जाती है। यहां तक ​​कि इसमें 500 रुपये से लेकर 100 रुपये तक के नोटों की संख्या का भी ब्योरा होता है।

गिनती के बाद सील पैक राशि का क्या होता है?

जब्त रकम की गिनती करने के बाद उसे बक्सों में रखकर सील कर दिया जाता है। इसके बाद इसे गवाहों के सामने एक सील पैक बॉक्स में रखा जाता है और संबंधित राज्य की बैंक शाखा में ले जाया जाता है, जहां एजेंसी के खाते में जमा कर दिया जाता है। इसके बाद यह रकम केंद्र सरकार के खजाने में ट्रांसफर कर दी जाती है। यदि कार्यवाही के दौरान आरोपी को दोषी ठहराया जाता है, तो राशि 'सार्वजनिक धन' के रूप में केंद्र को हस्तांतरित कर दी जाती है। यदि आरोपी बरी हो जाता है तो पैसे उसे वापस कर दिए जाते हैं।

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