'21वीं सदी में नई ऊंचाइयों की ओर...', भारत और आसियान की मजबूत साझेदारी पर ASEAN समिट में बोले PM मोदी

'21वीं सदी में नई ऊंचाइयों की ओर...', भारत और आसियान की मजबूत साझेदारी पर ASEAN समिट में बोले PM मोदी

India ASEAN Partnership:आजादी के बाद से भारत और दक्षिण-पूर्व एशिया के देशों के बीच मजबूत ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और आर्थिक बंधन रहे हैं। इसी कड़ी को मजबूत करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मलेशिया में आयोजित आसियान-भारत शिखर सम्मेलन में वर्चुअल रूप से हिस्सा लिया है। इस दौरान उन्होंने भारत को क्षेत्रीय एकीकरण और समृद्धि के लिए एक प्रमुख साझेदार के रूप में पेश किया। सम्मेलन में पीएम मोदी ने स्पष्ट शब्दों में कहा '21वीं सदी भारत और आसियान की सदी है।'

आसियान शिखर सम्मेलन

आसियान (एसोसिएशन ऑफ साउथईस्ट एशियन नेशंस) शिखर सम्मेलन, जो 2025 में वियतनाम की मेजबानी में हुआ, ने क्षेत्रीय शांति, व्यापार और डिजिटल अर्थव्यवस्था जैसे मुद्दों पर चर्चा का केंद्र बिंदु बनाया। इस सम्मेलन में 10 आसियान सदस्य देशों के नेता शामिल हुए, जहां भारत को अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में भारत की 'एक्ट ईस्ट' नीति को फिर से रेखांकित करते हुए कहा कि भारत आसियान के साथ साझेदारी को अपनी विदेश नीति का अभिन्न अंग मानता है। उन्होंने 2014 से अब तक द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना होने का उल्लेख किया, जो वर्तमान में 130 बिलियन डॉलर से अधिक पहुंच चुका है।

PM मोदी ने अपने संबोधन में क्या कहा?

PM मोदी ने कहा कि भारत-आसियान साझेदारी इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में शांति और स्थिरता का आधार बनेगी। उन्होंने दक्षिण चीन सागर में तनाव का जिक्र करते हुए सभी पक्षों से संयम बरतने और संवाद को बढ़ावा देने की अपील की। उन्होंने जोर देकर कहा हमारा मंत्र है – साझा भविष्य, साझा समृद्धि बनाना। इसके अलावा उन्होंने डिजिटल अर्थव्यवस्था और सस्टेनेबल डेवलपमेंट पर फोकस करते हुए पीएम मोदी ने आसियान देशों के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) को अपग्रेड करने की आवश्यकता बताई। उन्होंने भारत की 'मेक इन इंडिया' पहल को आसियान की आपूर्ति श्रृंखलाओं से जोड़ने का प्रस्ताव रखा और उल्लेख किया कि भारत आसियान को 5G तकनीक और डिजिटल पेमेंट सॉल्यूशंस में सहयोग देने को तैयार है।

PM मोदी ने ऐतिहासिक संबंधों का हवाला देते हुए बौद्ध धर्म, रामायण और प्राचीन व्यापार मार्गों का जिक्र किया। उन्होंने 'आसियान-भारत सांस्कृतिक एक्सचेंज प्रोग्राम' को विस्तार देने की घोषणा की, जिसमें युवा आदान-प्रदान और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। कोविड-19 महामारी के दौरान भारत द्वारा वैक्सीन मैत्री कार्यक्रम के तहत प्रदान की गई सहायता को याद करते हुए उन्होंने कहा 'हम संकट में साथ खड़े रहते हैं।' जलवायु परिवर्तन को वैश्विक संकट बताते हुए पीएम ने आसियान के साथ 'ग्रीन हाइड्रोजन' और 'कार्बन न्यूट्रल' प्रोजेक्ट्स में सहयोग का आह्वान किया। उन्होंने भारत की 2070 तक नेट जीरो लक्ष्य को साझा करते हुए कहा कि दक्षिण-पूर्व एशिया के द्वीप राष्ट्रों को समुद्र स्तर बढ़ने से बचाने के लिए संयुक्त प्रयास जरूरी हैं।

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