आखिर कैसे बनते और गरजते हैं बादल, जानें इससे जुड़ी संपूर्ण जानकारी

आखिर कैसे बनते और गरजते हैं बादल, जानें इससे जुड़ी संपूर्ण जानकारी

आकाशीय बिजली, जिसे हम आमतौर पर गरजना और बिजली चमकने के रूप में जानते हैं, बादलों के बीच उत्पन्न होती है। यह आकाशीय बिजली स्थलवर्षा (Cumulonimbus) नामक बादलों के अंदरीकरणों में उत्पन्न आवेश होने पर बनती है।

बादल बनने का प्रक्रिया इस प्रकार होती है:

  • सबसे पहले, धरातल पर किसी क्षेत्र में गर्म और नम मॉध्यवायु शरीर में ऊष्मा संचयित होती है। यह गर्म और नम हवा ऊपर की ओर उठती है और वायुमंडलीय विकर्षण के कारण धरातल पर सबसे ठंडी हवा बादल के क्षेत्र में आती है।
  • जब यह ठंडी हवा ऊपर उठती है, तो उसे तेजी से बाढ़ते दबाव के कारण गर्म होना शुरू होती है। गर्म हवा के बढ़ते दबाव से मानव ने उस उच्च दबावी शरीर को अंधकारवशेष (दायाँ छवि) और विमोचक वयवस्था (बायां छवि) के रूप में जाना है। यह संपीड़नीय वयवस्थाएँ पर्याप्त ऊष्मा संचयित करती हैं ताकि आवश्यक ऊष्मा को संचयित करने के बाद भी अतिरिक्त ऊष्मा को रिहा किया जा सके।
  • जब गर्म और नम आकाशीय वाष्प संक्रमण पृथ्वी के ऊपर ऊपर उठते हैं, तो यह शीघ्र ही ठंडी हवा के साथ मिलते हैं। यह मिश्रण विकसित होता है जो जलवायु शरीर की तापमान और आपूर्ति के अनुसार बादल के आद्यमेय भाग में गठन करता है।
  • बादल के आद्यमेय भाग में विकसित हुए वाष्प संक्रमण के कारण वाष्प धुवधारा के रूप में प्रकट होते हैं। यह वाष्प धुवधारा उच्च दबावी शरीर के ऊपर आगे बढ़ती है और इस प्रक्रिया में ऊष्मा संचयित करती है। इससे आकाशीय बिजली का उत्पादन होता है।

क्यों गरजते है बादल

बादल गरजते हैं क्योंकि जब वाष्प धुवधारा ऊष्मा संचयित करती है, तो इसके कारण ऊष्मा वृद्धि होती है और वाष्प की विस्फोटक वृद्धि होती है। इस विस्फोटक वृद्धि के कारण बादलों में वाष्प धुवधारा में अधिक वाष्प उद्भवित होती है और यह एक प्रकाशीय आवेश के रूप में बाहर बह जाती है,जो आकाशीय बिजली के रूप में हमें दिखती है।

इस प्रक्रिया के दौरान, वाष्प के विस्फोट के कारण जब वायुमंडलीय आवेश या विद्युतआवेश (एलेक्ट्रिक चार्ज) उत्पन्न होता है, तो यह एक विद्युताकार वायुमंडल बनाता है। जब इस वायुमंडल में यह विद्युताकार वायुमंडल धारावाही को पार करता है, तो हमें गरजना और बिजली चमकने का ध्वनि और प्रकाशीय प्रभाव दिखाई देता है।

इस प्रक्रिया को ब्रह्मदंडीय विद्युतावर्षा (Global Electric Circuit) के रूप में भी जाना जाता है। यह विद्युतावर्षा धरातल और वायुमंडल के बीच एक विद्युतीय सम्पर्क का प्रणाली है, जिसमें वायुमंडल से धरातल तक विद्युतावर्षा बनती है और गरजने और आकाशीय बिजली के माध्यम से इसका प्रभाव देखा जाता है।

आकाशीय बिजली की विद्युताकारता बादलों में पानी की वाष्पिती (वाष्प धुवधारा) और धातुओं के विस्फोट के परिणामस्वरूप होती है। बादलों में पानी की वाष्पिती इसलिए होती है क्योंकि सामान्यतः उच्चतम बादलों में तापमान बहुत कम होता है और पानी धातुओं के रूप में ठंडे बिन्दुओं के आसपास जमा होती है। धातुओं के विस्फोट के कारण, एलेक्ट्रॉन धातुओं से छुड़काने की ऊर्जा प्रवाहित होती है, जिससे वायुमंडलीय आवेश उत्पन्न होता है।

गरजने का कारण यह होता है कि वाष्पित पानी की गोलाकार बूंदें एलेक्ट्रिक चार्ज को अभिव्यक्त करने के लिए इंटरनल आवेश के साथ आराम से ऊपर ऊठती हैं। जब यह आकाश में ऊपर की ओर बढ़ती हैं, तो बूंदों में विद्युताकार धारावाही उत्पन्न होती है और गरजने और बिजली चमकने के रूप में प्रकट होती है।

इस रूप में, बादलों के बीच आकाशीय बिजली का उत्पादन और बादलों की गरजने की प्रक्रिया होती है। यह प्राकृतिक प्रक्रिया है जो मौसम परिवर्तन, मौसमी आपदाओं, विद्युतीय विमुद्रण और अन्य घटनाओं का कारण बनती है।

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