Disha Patani Firing Case: हरियाणा के सोनीपत में एसटीएफ के साथ हुए संयुक्त ऑपरेशन में मारे गए बदमाश अरुण की मौत ने उसके परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया है। मूल रूप से बागपत के शिकूपुर गांव का निवासी अरुण इन दिनों मयूर विहार में अपने परिवार के साथ रह रहा था। मुठभेड़ में मारे गए रवींद्र और अरुण के शवों को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया गया।
जहां अरुण बागपत से था वहीं रवींद्र रोहतक का रहने वाला था। घटना की जानकारी मिलने के बाद से ही अरुण के घर में मातम का माहौल है। मां सविता देवी बेटे की मौत से बेसुध हैं और बार-बार यही कह रही हैं कि उन्हें कभी अंदाजा नहीं था कि उनका बेटा इस रास्ते पर चला जाएगा।
परिजनों को नहीं था कोई शक
अरुण के पिता राजेंद्र ने बताया कि उनका बेटा बीते कुछ समय से बीमार था और शुगर की दवा ले रहा था। उन्होंने कहा कि अरुण कभी किसी गलत संगत में नहीं पड़ा और न ही उसका कोई आपराधिक रिकॉर्ड था। मां सविता देवी ने बताया कि अंतिम बार बात करते समय अरुण ने कहा था कि वह हरिद्वार जा रहा है। पड़ोसियों का भी यही कहना है कि अरुण कुछ दिन पहले ही घर से निकला था और उसकी छवि मोहल्ले में कभी आपराधिक नहीं रही।
दिशा पाटनी फायरिंग केस से जुड़ा नाम
पुलिस के मुताबिक, अरुण का नाम 12 सितंबर को बरेली के सिविल लाइन क्षेत्र में अभिनेत्री दिशा पाटनी के घर पर हुई फायरिंग के बाद सामने आया था। जांच में रवींद्र के साथ उसकी संलिप्तता पाई गई, जिसके बाद यूपी पुलिस ने दोनों पर एक-एक लाख रुपये का इनाम घोषित कर दिया था। 12वीं तक पढ़ाई करने वाले अरुण का परिवार डेयरी चलाकर गुजारा करता था। अब उसकी अचानक हुई आपराधिक गिरोह से जुड़ी मौत ने पूरे परिवार को गहरे आघात में डाल दिया है।
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