
40 Percent GST On Cigarettes And Tobacco Products: सरकार तंबाकू उत्पादों पर टैक्स बढ़ाने की योजना बना रही है। सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पादों पर जीएसटी दरों में बढ़ोतरी हो सकती है, खासकर कंपन्सेशन सेस हटने के बाद।
बता दें कि, वर्तमान में तंबाकू उत्पादों पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाया जाता है। इसके साथ कंपन्सेशन सेस और अन्य टैक्स भी जोड़े जाते हैं। इस कारण तंबाकू उत्पादों पर कुल कर भार 53 प्रतिशत तक पहुंच जाता है।
40 प्रतिशत जीएसटी और एक्साइज ड्यूटी लगाने का प्रस्ताव
खबरों के अनुसार, एक विशेष चर्चा में यह प्रस्ताव रखा गया कि तंबाकू उत्पादों पर अधिकतम 40 प्रतिशत जीएसटी लगाया जाए। साथ ही, सरकार इन उत्पादों पर अलग से एक्साइज ड्यूटी भी वसूल सकती है। सरकार का मानना है कि कंपन्सेशन सेस समाप्त होने के बाद राजस्व में संभावित गिरावट को रोकने के लिए यह कदम जरूरी होगा। हालांकि, इस पर अंतिम फैसला जीएसटी काउंसिल लेगी।
‘सिन गुड्स’ की श्रेणी में आते हैं तंबाकू उत्पाद
तंबाकू उत्पादों को 'सिन गुड्स' (Sin Goods) की श्रेणी में रखा गया है। इस श्रेणी में आने वाले उत्पादों पर अधिक टैक्स लगाया जाता है। इन पर जीएसटी के अलावा एक्साइज ड्यूटी, कंपन्सेशन सेस और एनसीसीडी (National Calamity Contingent Duty) भी लगाया जाता है।
31 मार्च 2026 के बाद कंपन्सेशन सेस पूरी तरह समाप्त हो जाएगा। इससे सरकार को तंबाकू उत्पादों से होने वाली आय पर असर पड़ सकता है। इसी कारण सरकार नए कर ढांचे पर विचार कर रही है।
सरकार को तंबाकू उत्पादों से होता है बड़ा मुनाफा
भारत सरकार को तंबाकू उत्पादों की बिक्री से हर साल भारी राजस्व प्राप्त होता है। वित्त वर्ष 2022-23 में सरकार ने तंबाकू उत्पादों से 72,788 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया था। इसमें सिगरेट, पान मसाला और अन्य तंबाकू उत्पाद शामिल थे।
शेयर बाजार पर पड़ा असर
इस खबर के बाद गुरुवार को तंबाकू कंपनियों के शेयरों में गिरावट देखने को मिली। खबर लिखे जाने तक आईटीसी के शेयर करीब 2 प्रतिशत और ग्रॉडफ्रे फिलिप्स के शेयर 5 प्रतिशत से अधिक की गिरावट के साथ कारोबार कर रहे थे। अगर जीएसटी दरें बढ़ती हैं, तो इसका असर कंपनियों की कमाई और उपभोक्ताओं की जेब पर भी पड़ सकता है।
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