Black Spot : क्या होता है ब्लैक स्पॉट? और कैसे गंभीर हादसों की बनता है वजह

नई दिल्ली: हर देश में रोजाना सड़क हादसे होते हैं। कई बारे ये हादसे मामूली तो कई बारे बेहद भयंकर होते है, जिसमें सैंकड़ों लोगों की जान चली जाती है। जब भी आपने सड़क हादसों के बारे पढ़ा होगा तो इसमें 'ब्लैक स्पॉट' शब्द का जिक्र भी आया होगा। पर क्या आप जानते हैं ये 'ब्लैक स्पॉट' होता क्या है? तो चलिए आज हम आपको इसकी जानकारी देते हैं।
भारत में रोजाना कई सड़क हादसे होते हैं और कई लोग इन हादसों में अपनी जान भी गंवा देते है। कुछ हादसों में वाहनों की एक-दूसरे से टक्कर होती है तो कहीं पर ड्राइवर को समझ ही नहीं आता और हादसा हो जाता है। ऐसी जगहों को ब्लैक स्पॉट कहा जाता है। ये किस तरह से हादसों के लिए जिम्मेदार होते हैं ये आपको बताते हैं।
कैसे बनते हैं ब्लैक स्पॉट?
किसी सड़क या रास्ते पर एक ही जगह बार-बार हादसे होते हैं, उन्हें ब्लैक स्पॉट कहा जाता है। सरकार की ओर से किसी सड़क, हाइवे, एक्सप्रेस वे पर अगर एक ही जगह तीन साल में पांच सड़क हादसे हो जाएं। इसके अलावा किसी जगह पर तीन साल में दस मौत हो जाएं तो उसे ब्लैक स्पॉट घोषित कर दिया जाता है। हादसे के आस-पास का 500 मीटर का एरिया ब्लैक स्पॉट माना जाता है।
कब कोई जगह बनती है ब्लैक स्पॉट?
किसी सड़क पर जब किसी स्थन पर एक शॉर्प गिरावट आए। ऐसी जगह पर जहां दूसरी ओर से आने वाला ट्रैफिक नजर ना आए, शॉर्प रोड पर छिपा हुआ जंक्शन हो। ऐसी जगहों पर हादसा होने का खतरा होता है। और इन्हें ब्लैक स्पॉट घोषित कर दिया जाता है।
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