नई दिल्ली: आपने कभी दुनिया सैर करने का सपना देखा हैं। अगर है तो आप कौन-कौन सी जगह अभी तक घूम चुके है? हर किसी की घूमने की अपनी बक्किट लिस्ट होती है। जहां वो कभी न कभी आपने जीवन में घूमना चाहते है। आज हम भी आपके लिए ऐसा कुछ लेकर आए है जो आपकी बक्किट लिस्ट में आप एड़ कर सकते है। दुनिया का सबसे लंबा पेडेस्ट्रियन सस्पेंशन ब्रिज। जो हर कदम पर ऊपर-नीचे और दाएं-बाएं हिलता है।
चेक गणराज्य दुनिया का सबसे लंबा सस्पेंशन ब्रिज एक पर्वतीय रिसॉर्ट पर बनाया गया है। इसे दुनिया के लिए खोल दिए गए हैं। करीब दो साल से इस पुल का निर्माण हो रहा था। इसे 'स्काई ब्रिज 721' नाम दिया गया है। 721 मीटर (2,365 फुट) लंबा पुल समुद्र तल से 1,100 मीटर (3,610 फीट) से अधिक की ऊंचाई पर बनाया गया है। यह लटकता और झूलता हुआ ब्रिज पायवा नदी (Paiva River) के ऊपर बनाया गया है। यह सस्पेंशन ब्रिज दो पहाड़ों को जोड़ता है। इस पुल पर एक साथ 500 लोग चल सकते हैं। जब घाटी में तेज हवाएं चलेंगी तो सुरक्षा कारणों से लोगों की आवाजाही इस पुल से रोक दी जाएगी। इसमें चलने के लिए सिर्फ एक ही लेन है। इसलिए कमजोर दिल के लोग इस पर चलते समय इसकी रेलिंग को पकड़ कर चलते हैं। ब्रिज को 127 इंटरलॉकिंग मेटल केज से जोड़ा गया है। इसे बनाने के लिए दोनों पहाड़ियों पर V के आकार के दो पिलर्स खड़े किए गए हैं। हर पिलर को स्टील के तारों से जोड़ा गया है। चलने वाले जालीदार प्लेटफॉर्म और रेलिंग को स्टील के तारों से बांधा गया है। यह ऋषिकेश के लक्ष्मण झूले जैसा ही है। लेकिन थोड़ा तकनीक में अंतर है। इसे बनाने की शुरुआत मई 2018 में हुई थी। यह अप्रैल 2021 में बनकर पूरा हो गया। इसके बाद पुर्तगाल के केनिलास (Canelas) और अल्वरेंगा (Alvarenga) से जाया जा सकता है। दोनों ब्रिज के अलग-अलग छोर पर है। हर पर्यटक को इस पर जाने से पहले गाइड बताते हैं।
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सस्पेंशन ब्रिज को बनाने में 200 मिलियन क्राउन का खर्च आया है, जो भारतीय मुद्रा में जोड़ें तो 64 करोड़ रुपये से भी ज्यादा होगा। इसे बनाया है इंस्टीट्यूट फॉर रिसर्च एंड टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट फॉर कंस्ट्रक्शन, एनर्जी, एनवायरमेंट एंड सस्टेनेबिलिटी। अब यह ब्रिज लोगों को जियोपार्क में पैदल घूमने में मदद करता है। नहीं तो पहले बैटरी वाली गाड़ी या साइकिल से लंबा चक्कर लगाकर जाना पड़ता था। ब्रिज के आसपास पायवा वॉकवे (Paiva Walkway) है। यह एक आठ किलोमीटर लंबा ट्रेकिंग मार्ग है।
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