गुरूग्राम में एच3एन2 संक्रमण का पहला केस चार साल के बच्चे में मिला है। इस बच्चे का 15 मार्च को सैंपल लिया गया था। मामला सामने आने के बाद उसे एकांतवास में कर दिया गया है। बच्चे के परिवार के सभी लोगों को भी एंकातवास में कर दिया गया है और दो सदस्यों के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे गए है। पीड़ित बच्चे का कोई यात्रा इतिहास नहीं है।
बता दें कि सिविल सर्जन डॉ. विरेंद्र यादव ने बताया कि एच3एन2 की निगरानी के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से 300 टीमें लगाई गई है। जिले में 136 नमूनों की जांच की गई है। इनमें से एक केस पॉजिटिव पाया गया है। इस चार साल के बच्चे को पिछले सात दिनों से खांसी, जुकाम, बुखार आदि की समस्या थी। बच्चे में संक्रमण के कोई लक्षण नहीं दिखाई दे रहे थे। केस की पुष्टि होते ही बच्चे को घर में ही एकांतवास में कर दिया गया है। बच्चे सहित परिवार के सभी सात सदस्यों को भी निगरानी में रखा गया है।
डॉ. यादव ने बताया कि विभाग को स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय से पत्र प्राप्त हुआ है। साथ ही राज्य मुख्यालय से भी पत्र मिला है। इनमें स्थिति से निपटने के लिए आवश्यक उपाय करने के लिए कहा गया। इसके बाद विभाग ने एच3एन2 संक्रमण से निपटने की सारी तैयारी की है।
H3N2 के लक्षण
कुछ सबसे सामान्य लक्षणों में शामिल हैं:
लंबे समय तक बुखार रहना
खाँसी
बहता नाक
शरीर में दर्द
गंभीर मामलों में लोगों को सांस फूलने और/या घरघराहट का भी अनुभव हो सकता है।
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