
IGI Airport: दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट (IGI) में आज, 7 नवंबर को कुछ तकनीकी गड़बड़ियों के कारण विमानों को उड़ान भरने में देरी हुई। कई विमानों में खराबी के कारण काफी लंबे समय तक इंतजार करना पड़ा। दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट (IGI) में आज, 7 नवंबर को कुछ तकनीकी गड़बड़ियों के कारण विमानों को उड़ान भरने में देरी हुई। कई विमानों में खराबी के कारण काफी लंबे समय तक इंतजार करना पड़ा। कहा जा रहा है कि एयर ट्रैफिक कंट्रोल सर्वर में तकनीकी खराबी के कारण लगभग एक घंटे तक करीब 20 से ज्यादा फ्लाइट्स को टेक ऑफ करने से रोका गया। हालांकि, अब स्थिति सामान्य है। एटीसी में आई तकनीकी खराबी अब ठीक हो चुकी है और विमानों का संचालन सामान्य रूप से किया जा रहा है।
यात्री हुए परेशान
बता दें कि एयर इंडिया का सर्वर डाउन होने से दिल्ली समेत कई हवाई अड्डों पर यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर यात्रियों की लंबी कतारें लग गई। टर्मिनल-2 पर सर्वर में समस्या आ रही थी, जिससे यात्रियों को सामान ड्रॉप करने में दिक्कत हो रही है। सॉफ्टवेयर में परेशानी के कारण मैनुअल चेक-इन शुरू किया गया था। दिल्ली एयरपोर्ट पर एक अधिकारी ने पुष्टि करते हुए बताया था कि देश के सभी हवाई अड्डों पर एयर इंडिया का सर्वर डाउन हो गया है। इसको जल्द ही सही कर लिया जाएगा।
DGCA कर रहा जांच
दिल्ली एयरपोर्ट के सूत्रों के अनुसार, पिछले कुछ दिनों में कई विमानों में जीपीएस स्पूफिंग की समस्या देखी गई है। ऐसे आठ मामले बुधवार, 5 नवंबर को भी रिपोर्ट हुए है। ये मामले घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों तरह की उड़ानों में देखे गए हैं। कहा जा रहा है कि यह विमान की सुरक्षा के लिए गंभीर चिंता का विषय है. इस मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं. नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) सभी घटनाओं का विस्तृत डेटा बनाकर जांच कर रहा है।
DGCA ने दी चेतावनी
डीजीसीए ने साल 2023 नवंबर में एक एडवाइजरी जारी कर एयरलाइंस को ऐसी घटनाओं को कम करने के लिए स्टैंडर्ड प्रक्रिया (SOP) बनाने और जीपीएस स्पूफिंग की घटनाओं की हर दो महीने पर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था। इतना ही नहीं, सरकार इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय विमानन संगठन (ICAO) में भी उठा चुकी है। अंतरराष्ट्रीय विमानन संगठन (ICAO) और अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (IATA) भी ऐसे मामलों की कड़ी निगरानी करने के साथ बचाव के लिए काम कर रहा हैं।
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