Corona Update in india: कोरोना संक्रमण में डेथ, डबलिंग और रिकवरी रेट से भारत को राहत, अब 11 दिन में मरीज हो रहे दोगुने
नई दिल्ली: देश में कोरोना वायरस के केसों में पिछले दो सप्ताहों के दौरान लगातार इजाफा हुआ है. और इसी वजह से अब तक 33000 मामले अब तक सामने आ चुके हैं. हालांकि इस बीच राहत की खबर ये है कि पीछे से मरीजों के सुधार का प्रतिशत भी बढ़ रहा है. फिलहाल कोविड-19 मरीजों के डबलिंग रेट, रिकवरी रेट और डेथ रेट में कमी देखने को मिली है. गुरुवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक-एक कर इससे संबंधित आंकड़े पेश किए. अगर डबलिंग रेट की तो स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल का कहना है कि देश का डबलिंग रेट लॉकडाउन से पहले 3.4 दिन था जो अब बढ़कर 11 दिन हो गया है.
बता दें कि खास बात यह सामने आ रही है कि दिल्ली, उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, ओडिशा, तमिलनाडु और पंजाब में 11 से 20 दिन का डबलिंग रेट है. कर्नाटक, लद्दाख, हरियाणा, उत्तराखंड और केरल में कोविड-19 मरीजों का डबलिंग रेट 20 से 40 दिन के बीच पाया गया. वहीं, असम, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और हिमाचल प्रदेश में डबलिंग रेट 40 दिन से भी ऊपर पाया गया है. अग्रवाल ने जो आंकड़े दिए हैं उससे यही जाहिर है कि देश कोरोना संकट सफलतापूर्वक जंग लड़कर आगे बढ़ रहा है तभी तो कुछ राज्यों का डबलिंग रेट राष्ट्रीय औसत से भी ज्यादा पाया गया है. अग्रवाल ने कहा कि कोरोना से रिकवरी रेट में भी सुधार हुआ है.
बता दें कि देश भर में कोरोना संक्रमित मरीजों के पिछले 24 घंटों में 1,718 नए केस आए और अब कुल कोविड-19 मरीजों की संख्या बढ़कर 33,050 हो गई है. इनमें 23,651 ऐक्टिव केस हैं. 24 घंटों में 630 मरीज ठीक भी हुए हैं और अब तक देश में कुल 8,324 कोविड-19 मरीज ठीक हो चुके हैं. इस तरह देश में कोविड-19 रिकवरी रेट बढ़कर 25.19 प्रतिशत हो गया है. 14 दिन पहले रिकवरी रेट सिर्फ 13.06 प्रतिशत था. इस आधार पर कहा जा सकता है कि रिकवरी रेट के मामले में देश को सफलता मिलती दिख रही है.
मौत की दर में कमी
लव अग्रवाल ने जानकारी दी है कि देश में अब तक कुल 1,074 कोविड मरीजों की मौत हुई है. इस बीच कोरोना से मौतों का प्रतिशत भी घट रहा है. बता दें कि अब तक देशभर में 3.2 फीसदी कोविड-19 मरीजों की मौत हुई है. इसमें 65 प्रतिशत पुरुष जबकि 35 प्रतिशत महिलाएं हैं. अगर उम्र के लिहाज से देखें तो 45 से कम उम्र के सिर्फ 14 प्रतिशत मरीजों की मौत हुई वहीं 45 वर्ष से 60 वर्ष की उम्र के 34.8 प्रतिशत कोविड-19 मरीजों की जान गई. 60 से ऊपर 51.2 प्रतिशत कोरोना मरीजों की मौत जिनमें 60-75 वर्ष की उम्र के 42 प्रतिशत जबकि 75 से ऊपर 9.2 प्रतिशत कोरोना मरीजों की मौत हुई. यहां काबिलेगौर बात ये है कि कोरोना संक्रमण से मरने वाले 78 प्रतिशत मरीजों को कोई-न-कोई दूसरी बीमारी थी या वो उम्रदराज थे. इसका अर्थ है कि जो शारीरिक और प्रतिरक्षा तंत्र के आधार पर कमजोर हैं उन पर संक्रमण का असर घातक होता है.
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