
IND VS PAK: विदेश मंत्रालय (MEA) ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में पाकिस्तान की गुप्त और गैरकानूनी परमाणु गतिविधियों पर गंभीर चिंता जताई। मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि पाकिस्तान की यह गतिविधियां उसके दशकों पुराने रिकॉर्ड से मेल खाती हैं, जो तस्करी, निर्यात नियंत्रण उल्लंघन और गुप्त साझेदारियों से जुड़ा रहा है। उन्होंने कहा कि ए.क्यू. खान नेटवर्क और परमाणु प्रसार से संबंधित गतिविधियों को लेकर भारत ने हमेशा अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान इस ओर आकर्षित किया है। जायसवाल ने यह भी बताया कि भारत ने राष्ट्रपति ट्रंप की पाकिस्तान के परमाणु परीक्षण से जुड़ी हालिया टिप्पणी को गंभीरता से लिया है।
अफगानिस्तान में भारत की भूमिका पर विचार
अफगानिस्तान के संबंध में प्रवक्ता ने बताया कि हाल ही में भारत और अफगानिस्तान के विदेश मंत्रियों के बीच हुई मुलाकात और टेलीफोनिक बातचीत के बाद काबुल में भारतीय दूतावास की कार्यक्षमता बढ़ाने पर विचार चल रहा है। उन्होंने कहा कि पहले यह मिशन तकनीकी कार्यालय के रूप में कार्यरत था, जिसे अब दूतावास के रूप में अपग्रेड कर दिया गया है। अब इस दूतावास में कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने, नई जिम्मेदारियां तय करने और उसकी कार्यप्रणाली को और मजबूत बनाने के विकल्पों पर चर्चा हो रही है।
अबू धाबी में भारतीय नागरिक की मदद जारी
विदेश मंत्रालय ने अबू धाबी में हिरासत में लिए गए सेवानिवृत्त मेजर विक्रांत जेटली के मामले में भी अपडेट दिया। प्रवक्ता ने बताया कि भारतीय दूतावास के अधिकारियों ने उन्हें अब तक चार बार कांसुलर एक्सेस प्रदान किया है और वे नियमित रूप से संपर्क में हैं। दूतावास उनके परिवार और पत्नी से भी लगातार संपर्क बनाए हुए है। दिल्ली उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार मेजर जेटली को हरसंभव राजनयिक सहायता प्रदान की जा रही है।
भारत की प्राथमिकता: नागरिकों और सुरक्षा हितों की रक्षा
विदेश मंत्रालय के इस बयान से स्पष्ट है कि भारत अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा, नागरिकों की सुरक्षा और वैश्विक परमाणु गैर-प्रसार व्यवस्था को लेकर सजग है। पाकिस्तान की संदिग्ध गतिविधियों पर लगातार नजर रखने के साथ ही भारत अफगानिस्तान और मध्य-पूर्व में अपनी राजनयिक उपस्थिति को और मजबूत करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
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