शनि सुखधाम में कल मनाया जाएगा रक्षाबंधन, जानें क्या हैं मान्यता

शनि सुखधाम में कल मनाया जाएगा रक्षाबंधन, जानें क्या हैं मान्यता

Rakshabandhan: रक्षाबंधन के त्योहार में अब ज्यादा दिनों का समय नहीं बचा है, यह त्योहार भाई-बहने के प्यार का प्रतीक है। इस दिन बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है और उसके सुखी जीवन की कामना भी करती है। बहन-भाई से इस दिन अपनी सुरक्षा का वचन भी लेती है। वैसे तो हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल श्रावण महीने की पूर्णिमा तिथि को रक्षाबंधन मनाया जाता है लेकिन इस बार राखी 30 और 31 अगस्त को मनाई जाएगी। लेकिन इस मौके पर शनि सुखधाम मंदिर जालंधर शहर में 26 अगस्त को शाम 5:30 बजे रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाएगा। इस दिन शनिदेव को राखी बांधकर उनका आशीर्वाद प्राप्त कर सकते है और राखी बांधने के साथ मीठा खिलाने का विशेष महत्व है। वैसे अगर हम बात करें तो शनिदेव को मीठे के तौर पर गुड़, मीठी पूरी और गुलाब जामुन बहुत पसंद हैं। लेकिन लोग इच्छा के अनुसार शनि को किसी भी मिठाई का भोग लगा सकते हैं।

आखिर कौन है शनिदेव का लाडली बहन?

दरअसल, शनिदेव की लाडली बहन का नाम यमुना और भद्रा है। यमुना नदी को पवित्र और पापनाशिनी माना जाता है। यमुना नदी के रूप में उत्तरकाशी से 30 की.मी उत्तर, गढ़वाल में यमुनोत्री नामक जगह पर नदी बहती हैं। सूर्य देव से यमुना को वरदान प्राप्त है,कि  जो जन यमुनोत्री धाम में आकर यमुना में स्नान करेगा, उसके पाप धुल जाएंगे। शनि की वक्र दृष्टि और यम यातना से भी मुक्ति मिलेगी।

राखी बांधने का शुभ मुहूर्त

इस बार राखी के दिन सुबह भद्रा लग रही है। हिंदू धर्म में भद्रा में कोई भी शुभ काम नहीं किए जाते है। भद्रा की वजह से राखी बांधने का शुभ मुहूर्त दिन में नहीं है इसलिए 30 अगस्त को रात 9 बजे के बाद और 31 अगस्त को सुबह 7 बजे से पहले राखी बांधी जाएगी।

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