PM Modi On Mann Ki Baat : कोरोना के खिलाफ मजबूती से लड़ी जा रही लड़ाई, देश खुल गया है अब और ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत : पीएम मोदी

PM Modi On Mann Ki Baat : कोरोना के खिलाफ मजबूती से लड़ी जा रही लड़ाई, देश खुल गया है अब और ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत : पीएम मोदी

नई दिल्ली: कोरोना संक्रमण के बीच एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात रेडियो कार्यक्रम के 65वें भाग में एक बार फिर से देशवासियों को संबोधित किया. उन्होंने संबोधन की शुरुआत करते हुए कहा कि पिछली बार जब मैंने पिछली बार आपसे मन की बात की थी, तब यात्री ट्रेनें बंद थीं, बसें बंद थीं, हवाई सेवा बंद थी. इस बार, बहुत कुछ खुल चुका है. श्रमिक स्पेशल ट्रेन चल रही हैं, अन्य स्पेशल ट्रेनें भी शुरू हो गई हैं. तमाम सावधानियों के साथ, हवाई जहाज उड़ने लगे हैं, धीरे-धीरे उद्योग भी चलना शुरू हुआ है, यानी अर्थव्यवस्था का एक बड़ा हिस्सा अब चल पड़ा है, खुल गया है. ऐसे में, हमें और ज्यादा सतर्क रहने की आवश्यकता है.
 
उन्होंने कहा कि देश में, सबके सामूहिक प्रयासों से कोरोना के खिलाफ लड़ाई बहुत मजबूती से लड़ी जा रही है. हमारी जनसंख्या ज्यादातर देशों से कई गुना ज्यादा है, फिर भी हमारे देश में कोरोना उतनी तेजी से नहीं फैल पाया, जितना दुनिया के अन्य देशों में फैला. देश में सबके सामूहिक प्रयासों से कोरोना के खिलाफ लड़ाई बहुत मजबूती से लड़ी जा रही है. हमारी जनसंख्या कई देशों से ज्यादा है फिर भी हमारे देश में कोरोना उतनी तेजी से नहीं फैल पाया, जितना दुनिया के अन्य देशों में फैला. बता दें, प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए 24 मार्च को देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की थी. पहले ये 21 दिनों के लिए था. उसके बाद इसे अलग-अलग चरणों में 31 मई तक बढ़ाया गया. 
 
 संकट की सबसे बड़ी चोट गरीब, मजदूर, श्रमिक वर्ग पर पड़ी
 
हर मुश्किल हालात, हर लड़ाई, कुछ-न-कुछ सबक देती है, कुछ-न-कुछ सिखा करके जाती है, सीख देती है, कुछ संभावनाओं के मार्ग बनाती है और कुछ नई मंजिलों की दिशा भी देती है. पीएम ने कहा कि मैं सोशल मीडिया में कई तस्वीरें देख रहा था. कई दुकानदारों ने दो गज की दूरी के लिए, दुकान में बड़े पाइपलाइन लगा लिए हैं, जिसमें, एक छोर से वो ऊपर से सामान डालते हैं, और दूसरी छोर से ग्राहक अपना सामान ले लेते हैं. किसी भी परिस्थिति को बदलने के लिए इच्छाशक्ति के साथ ही बहुत कुछ इनोवेशन पर भी निर्भर करता है. हजारों साल की मानव जाति की यात्रा लगातार इनोवेशन से ही इतने आधुनिक दौर में पहुंची है. कोरोना के खिलाफ लड़ाई का यह रास्ता लंबा है. एक ऐसी आपदा जिसका पूरी दुनिया के पास कोई इलाज नहीं है. जिसका कोई पहले का अनुभव ही नहीं है. ऐसे में नई नई चुनौतियों और उसके कारण परेशानियां हम अनुभव कर रहे हैं. इस संकट की सबसे बड़ी चोट, अगर किसी पर पड़ी है, तो, हमारे गरीब, मजदूर, श्रमिक वर्ग पर पड़ी है. उनकी तकलीफ, उनका दर्द, उनकी पीड़ा, शब्दों में नहीं कही जा सकती. हम में से कौन ऐसा होगा जो उनकी और उनके परिवार की तकलीफों को अनुभव न कर रहा हो.
 

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