OPERATION BLUE STAR: भारतीय सेना ने टैंकों-तोपखाने के साथ स्वर्ण मंदिर पर किया था हमला, 83 जवान और 492 नागरिकों की मौत

OPERATION BLUE STAR: भारतीय सेना ने टैंकों-तोपखाने के साथ स्वर्ण मंदिर पर किया था हमला, 83 जवान और 492 नागरिकों की मौत

Operation Blue Star: दिन 6 जून साल 1984...भारतीय सेना ने अमृतसर स्थित हरिमंदिर साहिब परिसर को दमदमी टकसाल के नेता और खालिस्तान समर्थक जनरैल सिंह भिंडरावाले और उसके अनुयायियों से मुक्त कराने के लिए एक विशेष अभियान चलाया था, जिसे ऑपरेशन ब्लू स्टार (Operation Blue Star) कहा गया। इस ऑपरेशन का मकशद पंजाब में भिंडरावाले के नेतृत्व में अलगाववादी ताकतें सशक्त हो रही थीं।

भारतीय सेना द्वारा स्वर्ण मंदिर पर हमला

ऑपरेशन ब्लू स्टार के तहत भारतीय सेना ने स्वर्ण मंदिर परिसर पर हमला करने के लिए टैंकों, तोपखाने और हेलीकाप्टरों का इस्तेमाल किया। यह ऑपरेशन चार दिनों तक चला और भारतीय सेना के 83 सैनिक मारे गए, जबकि 249 घायल हुए। इसके अलावा, 493 अन्य लोगों की भी मौत की पुष्टि हुई। एक हजार 592 लोगों को हिरासत में लिया गया था।

भारत में सिखों के खिलाफ हिंसा की लहर

वहीं ऑपरेशन के कारण भारत में सिखों के खिलाफ हिंसा की लहर चल पड़ी, जिसमें हजारों लोग मारे गए। हालांकि इस ऑपरेशन को केंद्र सरकार ने सही ठहराया था और दावा किया कि भिंडरावाले और उसके अनुयायी स्वर्ण मंदिर परिसर का उपयोग राज्य पर हमला शुरू करने के लिए कर रहे थे।

कौन था भिंडावाले

बता दें कि भिंडरावाले 1980 के दशक की शुरुआत में सिख अलगाववादी आंदोलन में एक प्रमुख शख्स के रूप में उभरा था। स्वर्ण मंदिर परिसर यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल है और इसे सिख धर्म के सबसे पवित्र स्थलों में से एक माना जाता है। वहीं ऑपरेशन ब्लू स्टार की कमान मेजर जनरल कुलदीप सिंह बरार को सौंपी गई थी।

मेजर उन दिनों अपनी पत्नी के साथ छुट्टियों पर गए हुए थे। लेकिन हालात को देखते हुए उन्होंने बुलाया गया। उस समय पंजाब अलगाववाद की आग में जल रहा था। स्वर्ण मंदिर पर भिंडरावाले ने कब्जा कर लिया था। ऐसे में उस समय की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने ऑपरेशन ब्लू स्टार चलाने को मंजूरी दी।

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