Monkey Fever: 'मंकी फीवर' ने कर्नाटक में ली दो लोगों की जान, जानिए क्या है लक्षण और बचाव

Monkey Fever: 'मंकी फीवर' ने कर्नाटक में ली दो लोगों की जान, जानिए क्या है लक्षण और बचाव

Monkey Fever: कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ जिले में 'मंकी फीवर' का कहर बढ़ता जा रहा है। कर्नाटक में मंकी फीवर से दो लोगों की मौत हो गई है। अब तक इस वायरस के कुल 49 मामलों की पुष्टि हो चुकी है।कर्नाटक के अलावा महाराष्ट्र और गोवामें भी मंकी फीवर के मामले रिपोर्ट किए गए है। इस वायरस के बढ़ते प्रसार के बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने इस समस्या से निपटने की तैयारी शुरू कर दी है।

केएफडीवी की पहचान 1957 में की गई थी जब इसे भारत के कर्नाटक (पूर्व में मैसूर) राज्य के क्यासानूर जंगल में एक बीमार बंदर से अलग किया गया था। तब से, प्रति वर्ष 400-500 मनुष्यों के बीच मामले सामने आए हैं। हार्ड टिक्स (हेमाफिसैलिस स्पिनिगेरा) केएफडी वायरस का भंडार हैं और एक बार संक्रमित होने पर, जीवन भर ऐसे ही बने रहते हैं।

क्या है 'मंकी फीवर'

'मंकी फीवर' बिमारी क्यासानूर फॉरेस्ट डिजीज के नाम से भी जाना जाता हैं। यह बंदरों या जानवरों से मनुष्यों में फैल सकता है। यह रोग बंदरों के शरीर पर पाए जाने वाले टिक्स (एक प्रकार का कीड़ा) के काटने से मनुष्यों में फैल सकता है। अगर समय के रहते मरीज का इलाज न किया जाए तो स्थिति काफी गंभीरहो सकती है। 'मंकी फीवर' के मामले में डेथ रेट कोविड से अधिक है।

क्या है इसके लक्षण

अब तक मंकी फीवर का कोई निष्कर्ष इलाज नहीं है, परंतु यह सामान्य बुखार की भांति ही उपचार किया जा सकता है। इसके लक्षणों को पहचानकर बीमारी का खतरा कम किया जा सकता है। अगरशरीरमेंअचानकसेतेजबुखार, सिरमेंतेजदर्द, मांसपेशियों में तेज दर्द, अत्यधिक थकान महसूस करना, आंखों में दर्द और सूजन आना गंभीर स्थिति में नाक और मसूड़ों से खून आना, बदनटूटना, उलटी, दस्तजैसीशिकायतहोतीहैतोआपडॉक्टरकोदिखाएयेलक्षण 'मंकी फीवर'केहै।

कैसे करें बचाव

लक्षण दिखने पर रोगी को तत्काल अस्पताल में भर्ती करवाना चाहिए, साथ ही उनके आस-पास और सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। रोगी को अधिक से अधिक पानी पिलाना चाहिए। मंकी फीवर से बचाव के लिए एक वैक्सीन भी उपलब्ध है।

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