'मैं मलाला नहीं हूं, मैं...', कश्मीर की याना मीर ने किया ब्रिटिश पार्लियामेंट में पाक प्रोपेगेंडा को बेनकाब

'मैं मलाला नहीं हूं, मैं...', कश्मीर की याना मीर ने किया ब्रिटिश पार्लियामेंट में पाक प्रोपेगेंडा को बेनकाब

Yana Mir: आज जम्मू कश्मीर में लोग सुरक्षित हैं। दूसरी ओर, पाकिस्तान में हालात बेहद खराब हैं। इसका खुलासा जम्मू-कश्मीर के एक पत्रकार के बयान से हुआ। भारत की पत्रकार याना मीर कल से सुर्खियों में हैं। वजह पूरी दुनिया के लिए बेहद अहम है। कश्मीर की याना मीर ने पाकिस्तान द्वारा भारत के खिलाफ फैलाए जा रहे प्रोपेगेंडा को पूरी दुनिया के सामने उजागर कर दिया है। जब कश्मीरी पत्रकार याना मीर की तुलना पाकिस्तानी एक्टिविस्ट मलाल यूसुफजई से की गई तो उन्होंने न सिर्फ इसे सिरे से खारिज कर दिया बल्कि साफ-साफ कहा- 'मैं मलाला नहीं हूं, मैं अपने देश में सुरक्षित हूं।'

पाकिस्तान का असली चेहरा आया सामने

पत्रकार और कार्यकर्ता याना मीर को ब्रिटिश संसद द्वारा आयोजित संकल्प दिवस कार्यक्रम में सम्मानित होने के लिए आमंत्रित किया गया था। जम्मू-कश्मीर में विविधता बढ़ाने के उनके सराहनीय प्रयासों के लिए उन्हें विविधता राजदूत पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था। ब्रिटिश संसद में पाकिस्तान का असली चेहरा उजागर करने वाली याना मीर कुछ ही समय में मीडिया की सुर्खियां बन गईं। ऐसे में हर कोई जानना चाहता है कि याना मीर कौन हैं?

चाचा की आतंकवादियों ने कर दी हत्या

याना मीर का जन्म 12 अप्रैल को कश्मीर के अनंतनाग में हुआ था। कश्मीर की वादियों में पली-बढ़ीं याना मीर के दादा जम्मू-कश्मीर पुलिस में काम करते थे। उनके चाचा गाँव के सरपंच थे। जिनकी आतंकियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। अगर याना की प्रारंभिक शिक्षा की बात करें तो वह कश्मीर में ही हुई। उच्च शिक्षा के लिए वह दिल्ली विश्वविद्यालय और फिर मुंबई गये।

वर्तमान में याना मीर एक सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार हैं। उनके नाम एक और उपलब्धि है और वह यह कि वह पहली महिला कश्मीरी यूट्यूब व्लॉगर हैं जो राजनीति पर रिपोर्ट करती हैं। पत्रकारिता में अपना करियर बनाने से पहले याना मीर एक विदेशी एयरलाइन में एयर होस्टेस भी रह चुकी हैं।

घाटी के लिए किए ये काम

याना मीर वर्तमान में कश्मीर घाटी के युवा और महिला सशक्तिकरण संगठन, ऑल जेके यूथ सोसाइटी की उपाध्यक्ष भी हैं। याना मीर ने कश्मीर के युवाओं को एक बेहतरीन मंच प्रदान करने के लिए कश्मीर का पहला फैशन शो भी आयोजित किया था। याना मीर कश्मीर के ग्रामीण इलाकों में व्यक्तिगत स्वच्छता पर भी काम करती हैं। वह ग्रामीण महिलाओं को मुफ्त सैनिटरी पैड भी बांटती हैं। एक पत्रकार के तौर पर याना मीर विभिन्न टीवी चैनलों और समाचार बहसों में विस्थापित कश्मीरी पंडितों के लिए भी अपनी आवाज उठाती हैं।

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