75 सालों में कैसे बदला क्रिकेट,जानें इसका पूरा इतिहास

75 सालों में कैसे बदला क्रिकेट,जानें इसका पूरा इतिहास

नई दिल्ली: भारत इस साल अपनी आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है। वही 15 अगस्त 1947 के दिन देश को आजादी मिली थी। इसके बाद भारत ने हर दिन एक नई ऊंचाइयों को छुआ है। इतना ही नहीं बल्कि कई क्षेत्र में भारत ने खुद को साबित किया है। वहीं खेल को लेकर भी देश ने कई उपाधि हासिल किए है। इन ही में से एक है क्रिकेट,जिसने दुनिया भर में भरता का नाम ऊंचाईयों पर पहुंचाया है। आज हम आपको आजादी से लेकर अब तक का किक्रेट इतिहास बताने वाले है।

वैसे तो भारत जब आजाद हुआ था तब क्रिकेट का इतन बोलबाला नही था। भारत का मैच जीतना भी बड़ी खबर होती थी लेकिन समय के साथ सब बदला। भारत ने घर से बाहर अपनी पहली टेस्ट सीरीज जीती थी 1967-68 में वो भी न्यूजीलैंड में जाकर। इसके बाद भारत ने इस खेल में आगे की तरफ ही कदम बढ़ाए लेकिन क्रिकेट आज भारत में जिस स्थिति में उसकी शुरुआत हुई थी 1983 से, जब भारत ने इंग्लैंड की जमीन पर अपना पहला वनडे विश्व कप जीता था। कपिल देव की कप्तानी में भारत ने ये कमाल किया था,वो भी तब जब भारत को इसका दावेदार नहीं माना जा रहा था।

कपिल देव एकमात्र भारतीय क्रिकेटर हैं जिन्हें तीन राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हो चुके हैं। 1979-80 में उन्हें ‘अर्जुन पुरस्कार’ दिया गया। उन्हें ‘पद्मश्री’ पुरस्कार से तथा 1991 में ‘पद्मभूषण’ से सम्मानित किया गया। 70 के दशक में अन्तिम वर्षों तक भारतीय टीम में कोई अच्छा ‘ओपनिंग बॉलर’ नहीं था। तब कपिल का क्रिकेट में आगमन हुआ। वह दाहिने हाथ के मध्यम गति के अनूठे खिलाड़ी रहे जो अपने समय के सर्वश्रेष्ठ ‘हिटर’ रहे और वह मानवीय संवेदनाओं से पूर्ण एक श्रेष्ठ बल्लेबाज थे जिन्होंने अभूतपूर्ण सफलता प्राप्त की।

इस मेच के बाद क्रिकेट ने जो रफ्तार पकड़ी वो दिन पर दिन तेज होती चली गई। बेशक भारत को अपना अगला वनडे विश्व कप जीतने में 28 साल लग गए लेकिन इस दौरान भारत क्रिकेट में एक बड़ा नाम बना चुका था। वहीं साल 2003 में भारत ने विश्व कप के फाइनल में प्रवेश किया लेकिन जीत हासिल नही कर सका था। हालांकि साल 2007 में टी 20 प्रारूप का पहला विश्व कप खेला गया जिसमें महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में भार ने जीत हासिल की, यहां से फिर क्रिकेट का इतिहास रचता चला गया। इस के बाद भी भारत ने धोनी की कप्तानी में ही साल 2011 में वनडे विश्व कप अपने नाम किया। भारत ने तब से हर बार वनडे विश्व कप का सेमीफाइनल खेला है। वहीं इसके बाद भारतीय क्रिकेट को एक से बड़कर एक कप्तान मिलते चले गए।

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