
Delhi Blast Case: दिल्ली में लाल किले के पास हुए ब्लास्ट के बाद से फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी चर्चा में बनी हुई है। धमाके की साजिश से जुड़े कुछ आरोपी उसी यूनिवर्सिटी के मेडिकल कॉलेज में काम करते थे। अब इस यूनिवर्सिटी की NAAC मान्यता को लेकर एनएमसी ने बड़ी बात कही है। शुरुआती जांच में पुलिस ने इस यूनिवर्सिटी में काम करने वाले तीन आरोपियों डॉ. आदिल, डॉ. शाहीन और डॉ. मुजम्मिल को गिरफ्तार किया था।
रिपोर्ट्स में कहा गया कि सभी अल-फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े प्रोफेसर हैं। इसके बाद से ही ये यूनिवर्सिटी और उससे जुड़ा मेडिकल कॉलेज चर्चा में हैं। वहीं, यूनिवर्सिटी की वेबसाइट भी डाउन हो गई है। इसे खोलने पर पेज पर कोई जानकारी नहीं दिखाई दे रही है।
ईडी को किया जाएगा जांच में शामिल
यूनिवर्सिटी की मान्यता को लेकर मेडिकल रेगुलेटरी अथॉरिटी NMC ने नोटिस भेजा है। वहीं यूनिवर्सिटी से जुड़े हुए डॉक्टर की फाइनेंशियल इन्वेस्टिगेशन करने के लिए ED और दूसरी वित्तीय जांच करने वाली एजेंसियों की भी अब एंट्री होने वाली है। आज, 13 नवंबर को केंद्रीय गृह मंत्री के साथ ED डायरेक्टर बैठक में मौजूद थे। जानकारी के अनुसार, उसके बाद ही जांच का फैसला लिया गया। बताया जा रहा है कि अल फलाह यूनिवर्सिटी का फॉरेंसिक ऑडिट भी एजेंसियों द्वारा किया जाएगा।
वीसी ने दी थी सफाई
दिल्ली ब्लास्ट के मामले की साजिश में यूनिवर्सिटी का नाम आने के बाद अल-फलाह यूनिवर्सिटी की ओर से वीसी डॉ. भूपिंदर कौर आनंद ने सफाई भी दी थी। उन्होंने एक लिखित बयान जारी कर बताया कि आरोपियों के निजी मामले से विश्वविद्यालय का कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया था कि विश्वविद्यालय का आरोपी व्यक्तियों से उनके ऑफिशियल ड्यूटी के अलावा कोई संबंध नहीं है।
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