Kantara Chapter 1: 2022की ब्लॉकबस्टर फिल्म ‘कंतारा’ ने जिस रहस्यमयी और आध्यात्मिक लोककथा से दर्शकों का दिल जीता था, ‘कंतारा: अ लीजेंड - चैप्टर 1’ उसी ब्रह्मांड की एक नई लेकिन गहराई से जुड़ी हुई कहानी है। यह फिल्म सीक्वल नहीं बल्कि एक प्रीक्वल है, जो दिखाती है कि ‘कंतारा’ की पवित्र भूमि की कहानी आखिर शुरू कहां से हुई। कहानी हमें ले जाती है कदंब वंश के युग में, जहां एक लालची राजा की नजर उस भूमि पर पड़ती है, जिसे देवताओं का संरक्षण प्राप्त है। इस टकराव में उदय होता है बर्मे (ऋषभ शेट्टी) का – एक ऐसा पात्र जो अपने लोगों और संस्कृति का रक्षक बनकर सामने आता है।
कलाकारों ने भरा जान, ऋषभ शेट्टी का दमदार निर्देशन
फिल्म का सबसे बड़ा बल है इसका अभिनय और निर्देशन। जयराम ने एक राजा की भूमिका को शानदार गहराई के साथ निभाया है, वहीं गुलशन देवैया एक ऐसे खलनायक के रूप में सामने आते हैं, जिन्हें देखकर दर्शक सहज ही उनसे नफरत करने लगते हैं। ऋषभ शेट्टी, जिन्होंने लेखन, निर्देशन और अभिनय की तिकड़ी जिम्मेदारी संभाली है, हर फ्रेम में ऊर्जा और भावना भर देते हैं। खासकर ‘गुलिगा’ वाला ट्रान्स सीन और क्लाइमेक्स में उनका प्रदर्शन दर्शकों को भीतर तक हिला देता है।
तकनीकी रूप से शानदार, संगीत में थोड़ी कमी
फिल्म की सिनेमैटोग्राफी (अरविंद एस. कश्यप) और बैकग्राउंड स्कोर (अजनीश लोकनाथ) फिल्म को एक अलग ही स्तर पर ले जाते हैं। रहस्य, भय और आध्यात्मिकता को कैमरे की आंख से जिस खूबसूरती से दिखाया गया है, वह काबिल-ए-तारीफ है। हालांकि संगीत के मामले में फिल्म ‘वराह रूपम’ जैसे गहरे प्रभाव को दोहराने में थोड़ी चूक जाती है।
देखें या न देखें?
अगर आप लोककथाओं, संस्कृति और आध्यात्मिकता को सिनेमा के ज़रिए महसूस करना चाहते हैं, तो ‘कंतारा: चैप्टर 1’ एक यादगार अनुभव बन सकती है। इसकी धीमी शुरुआत और कुछ खिंचे हुए दृश्य भले ही कुछ दर्शकों को धीमा लगें, लेकिन क्लाइमेक्स तक पहुंचते-पहुंचते यह फिल्म अपने मकसद में पूरी तरह कामयाब होती है। इंडिया टीवी ने इस फिल्म को 3.5 स्टार दिए हैं – और यह रेटिंग फिल्म की गहराई को सही मायनों में दर्शाती है।
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