Dharmendra: गैराज में काम करने से ‘हीमैन’ बनने तक का संघर्ष भरा सफर, ऐसे हुई थी बॉलीवुड में धर्मेंद्र की दमदार एंट्री

Dharmendra: गैराज में काम करने से ‘हीमैन’ बनने तक का संघर्ष भरा सफर, ऐसे हुई थी बॉलीवुड में धर्मेंद्र की दमदार एंट्री

Dharmendra Journey: 4 नवंबर 1960— यह वह तारीख है जब बॉलीवुड को नया हीरो मिला था। अर्जुन हिंगोरानी की फिल्म दिल भी तेरा हम भी तेरे रिलीज हुई और इसी फिल्म से पंजाब के नसराली गांव से आए धर्मेंद्र सिंह देओल ने हिंदी सिनेमा में कदम रखा। जिसकी पहली झलक में ही लोग उनसे प्रभावित हो गए और आगे चलकर वे “Bollywood He-Man” के नाम से पहचाने जाने लगे। सोमवार को उनकी तबीयत बिगड़ने की खबर आई, जिसके चलते उन्हें मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती करना पड़ा। सोशल मीडिया पर फैल रही निधन की अफवाहों को उनकी बेटी ईशा देओल ने पूरी तरह गलत बताया है।

धर्मेंद्र का सफर आसान नहीं था। बचपन से ही फिल्मों में काम करने का सपना देखने वाले धर्मेंद्र महज कुछ पैसों के साथ मुंबई पहुंचे थे। गुज़ारे के लिए उन्होंने एक गैराज में काम किया, जहां उन्हें सिर्फ 200 रुपये मिलते थे। रहने का ठिकाना न होने के कारण वे रात में भी वहीं सो जाते थे। जब उन्हें पहली फिल्म मिली, तो उन्हें उम्मीद थी कि उन्हें 5,000 रुपये मिलेंगे, लेकिन उन्हें सिर्फ 51 रुपये दिए गए—वह भी तीन लोगों ने 17-17 रुपये मिलाकर। धर्मेंद्र आज भी उन 51 रुपयों को अपने करियर की सबसे बड़ी लक्ष्मी मानते हैं।

एक्शन फिल्मों के सम्राट और निगेटिव रोल में चमक

धर्मेंद्र की पहली एक्शन फिल्म पत्थर के फूल (1966) थी, जिसने बॉक्स ऑफिस पर बड़ी सफलता हासिल की। इंडिया में इस फिल्म ने 2.70 करोड़ कमाए, जो उस दौर में बेहद बड़ी रकम थी। वहीं 1964 की फिल्म आई मिलन की बेला में उन्होंने विलेन बनकर दर्शकों को चौंका दिया। उनकी अभिनय क्षमता ने इस फिल्म में सभी का ध्यान खींचा।

मीना कुमारी से लेकर हेमा मालिनी तक प्यार का सफर

धर्मेंद्र का नाम शुरुआती दिनों में मीना कुमारी से जुड़ा, जिनके बारे में कहा जाता है कि उन्होंने धर्मेंद्र को इंडस्ट्री में मजबूत जगह बनाने में मदद की। 19 साल की उम्र में उन्होंने प्रकाश कौर से अपनी पहली शादी की थी। बाद में 1980 में उन्होंने हेमा मालिनी से शादी की, जिसके लिए उन्होंने इस्लाम धर्म अपनाया। शोले के सेट पर ही हेमा-धर्मेंद्र की प्रेम कहानी शुरू हुई—कहा जाता है कि वे हेमा के साथ सीन दोबारा करने के लिए लाइटमैन को रिश्वत तक दे देते थे।

अनुपमा, फूल और पत्थर, सत्यकाम, आया सावन झूम के, सीता और गीता, राजा जानी, यादों की बारात, शोले, चुपके चुपके और धरम-वीर—ये सिर्फ कुछ फिल्में हैं। 65 साल लंबे करियर में 300 से अधिक फिल्मों में काम कर चुके धर्मेंद्र आज भी भारतीय सिनेमा की धड़कन हैं।

Leave a comment