सैफ अली खान की पैतृक संपत्ति पर SC की मुहर, हाई कोर्ट के आदेश पर लगाई रोक; जानें क्या है पूरा मामला?

सैफ अली खान की पैतृक संपत्ति पर SC की मुहर, हाई कोर्ट के आदेश पर लगाई रोक; जानें क्या है पूरा मामला?

Saif Ali Khan Ancestral Property Case: बॉलीवुड एक्टर सैफ अली खान और उनके परिवार को मध्य प्रदेश के भोपाल में स्थित लगभग 15,000 करोड़ रुपये की पैतृक संपत्ति से जुड़े विवाद में सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसमें सैफ और उनके परिवार को इन संपत्तियों का मालिकाना हक देने वाले 25 साल पुराने ट्रायल कोर्ट के फैसले को रद्द कर दिया गया था। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में नोटिस जारी किया है। बता दें, यह संपत्ति विवाद भोपाल के पूर्व नवाब हमीदुल्ला खान की विरासत से जुड़ा है, जिसमें सैफ अली खान का पटौदी परिवार अपने अधिकार का दावा कर रहा है।

क्या है संपत्ति विवाद?

दरअसल, यह विवाद भोपाल के अंतिम नवाब हमीदुल्ला खान की संपत्तियों के बंटवारे को लेकर है। नवाब हमीदुल्ला खान की तीन बेटियां थीं आबिदा सुल्तान, साजिदा सुल्तान और राबिया सुल्तान। इनमें से आबिदा सुल्तान साल 1950 में भारतीय नागरिकता छोड़ पाकिस्तान चली गईं। जबकि साजिदा सुल्तान भारत में रहीं और उन्होंने नवाब इफ्तिखार अली खान पटौदी से शादी की। साजिदा सुल्तान को 1962 में भारत सरकार ने नवाब हमीदुल्ला खान की निजी संपत्तियों का एकमात्र उत्तराधिकारी माना था। साजिदा सुल्तान के बेटे मंसूर अली खान पटौदी (सैफ के पिता) और बाद में सैफ अली खान, उनकी मां शर्मिला टैगोर और बहनें सोहा अली खान व सबा अली खान को ये संपत्तियां विरासत में मिलीं।

बता दें, इन संपत्तियों में भोपाल और रायसेन में फैले कई ऐतिहासिक और मूल्यवान भवन शामिल हैं, जैसे नूर-उस-सबाह पैलेस (अब एक लग्जरी होटल), फ्लैग स्टाफ हाउस (जहां सैफ का बचपन बीता), अहमदाबाद पैलेस, दार-उस-सलाम, कोहे फिजा प्रॉपर्टी और चिक्लोद में जंगल व कोठी। इनकी अनुमानित कीमत लगभग 15,000 करोड़ रुपये है। वहीं, इस विवाद का मुख्य कारण शत्रु संपत्ति कानून और मुस्लिम पर्सनल लॉ था।

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट का फैसला

बताते चलें कि 06 जुलाई को मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के जस्टिस संजय द्विवेदी की एकल पीठ ने 2000 के ट्रायल कोर्ट के फैसले को रद्द कर दिया। कोर्ट ने कहा कि ट्रायल कोर्ट ने मामले के अन्य पहलुओं पर विचार किए बिना और इलाहाबाद हाई कोर्ट के एक पुराने फैसले पर भरोसा करते हुए, जो बाद में सुप्रीम कोर्ट द्वारा खारिज हो चुका था, वारिसों की याचिकाओं को खारिज कर दिया था। हाई कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट को मामले की दोबारा सुनवाई करने और एक साल के भीतर फैसला देने का निर्देश दिया। 

सुप्रीम कोर्ट से राहत

08 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने सैफ अली खान और उनके परिवार के पक्ष में एक अहम फैसला सुनाया। जस्टिस पी.एस. नरसिम्हा और अतुल एस. चंदुरकर की बेंच ने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के 30 जून के आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें ट्रायल कोर्ट के फैसले को रद्द किया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में नोटिस जारी कर सभी पक्षों से जवाब मांगा है। यह रोक सैफ और उनके परिवार के लिए एक अस्थायी राहत है। क्योंकि इससे संपत्तियों पर सरकार के कब्जे की प्रक्रिया और ट्रायल कोर्ट में दोबारा सुनवाई पर फिलहाल रोक लग गई है।

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