
Prem Sagar Death: हिंदी सिनेमा और टेलीविजन की दुनिया से एक दुखद खबर सामने आई है। मशहूर ‘रामायण’ के निर्माता रामानंद सागर के पुत्र और ख्याति प्राप्त फिल्ममेकर-सिनेमैटोग्राफर प्रेम सागर का 31 अगस्त 2025 को 81 वर्ष की आयु में निधन हो गया। लंबे समय से उम्र संबंधी स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे प्रेम सागर ने सुबह 10 बजे मुंबई में अपनी अंतिम सांस ली।
प्रेम सागर के निधन से मनोरंजन जगत में शोक की लहर छा गई है। ‘रामायण’ में लक्ष्मण की भूमिका निभाने वाले अभिनेता सुनील लहरी ने गहरा दुख व्यक्त करते हुए सोशल मीडिया पर उनकी तस्वीर साझा कर श्रद्धांजलि अर्पित की, साथ ही उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।
‘विक्रम और बेताल’ से ‘अलिफ लैला’ तक की शानदार विरासत
1968 में पुणे के फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (FTII) से प्रशिक्षित प्रेम सागर ने अपने करियर में कई यादगार कृतियां दीं। उन्होंने ‘विक्रम और बेताल’, ‘अलिफ लैला’, और फिल्मों जैसे ‘चरस’ और ‘ललकार’ का निर्माण और निर्देशन किया, जिन्हें दर्शकों ने खूब पसंद किया। सागर आर्ट्स बैनर के तहत उन्होंने अपने पिता रामानंद सागर की विरासत को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। प्रेम सागर की कहानियां और उनका सिनेमाई दृष्टिकोण आज भी लाखों लोगों के दिलों में बस्ता है। उनके निर्देशन में बने शो और फिल्में भारतीय टेलीविजन के स्वर्णिम युग का हिस्सा हैं।
रामानंद सागर फाउंडेशन के जरिए सामाजिक योगदान
प्रेम सागर न केवल एक कुशल फिल्ममेकर थे, बल्कि सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय थे। वे रामानंद सागर फाउंडेशन से गहराई से जुड़े थे, जो महाराष्ट्र के ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा और कल्याण के लिए काम करने वाली एक गैर-लाभकारी संस्था है। उनकी यह विरासत अब उनके बेटे शिव सागर आगे बढ़ाएंगे। प्रेम सागर का अंतिम संस्कार मुंबई के जुहू स्थित पवनहंस श्मशान घाट में होगा। उनके निधन से मनोरंजन जगत ने एक रचनात्मक प्रतिभा खो दी है, लेकिन उनकी बनाई कालजयी कहानियां हमेशा दर्शकों के बीच जीवित रहेंगी।
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