चुनावी रण हो गया है तैयार जनता करेगी किसका बेड़ा पार ?

चुनावी रण हो गया है तैयार जनता करेगी किसका बेड़ा पार ?

हरियाणा में चुनावी तारीखों के ऐलान के साथ ही चुनावी सरगर्मियां तेज़ हो गई हैं...सभी दलों न अपने अपने प्रत्याशियों के नामों को लेकर मंथन शुरू कर दिया है। इसी बीच खबर है कि बीजेपी ने अपने 45 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी फाइनल कर ली है।

सूत्रों की मानें तो लिस्ट में उन लोगों के नाम हो सकते हैं, जो बीजेपी में शामिल हुए हैं। इसके अलावा नए चेहरों के नाम भी इसमें शामिल हो सकते हैं। ऐसे में टिकट की आस लगाए दावेदारों की धड़कनें जरूर बढ़ सकती हैं।

विधानसभा चुनाव का बिगुल बजते ही बीजेपी अपने मिशन में जुट गई है। इस बार के चुनाव में बीजेपी ने 75 प्लस सीटें जीतने का टारगेट रखा है और जिताऊ प्रत्याशी को लेकर थिंक टैंक मंथन में जुट गया है।सूत्रों की मानें तो बीजेपी ने अपने 45 उम्मीदवारों की लिस्ट फाइनल कर ली है। खबर ये भी है कि इस बार बीजेपी के एक तिहाई विधायकों पर टीकट कटने की तलवार लटक रही है। तो वहीं कुछ विधायकों की सीटें भी बदली जा सकती है। इस बार बीजेपी ने अपने चुनाव प्रचार अभियान में भी कुछ बदलाव किए हैं। यानि इस बार पार्टी अपनी उपलब्धियों को तो लेकर मैदान में उतरेगी ही, साथ ही मोदी सरकार की ओर से लिए गए फैसल की गूंज भी चुनाव प्रचार में सुनाई देगी।

सूत्रों की मानें तो केंद्रीय नेतृत्व ने राज्य के नेताओं को साफ कहा है कि वो केंद्रीय मुद्दों को अहमियत दें, पार्टी का मानना है कि बड़ी जीत के लिए बड़े मुद्दों पर जाना जरूरी है। प्रदेश के सीट गणित की बात करें, तो बीजेपी के लिए 90 में से 20 विधानसभा सीटें ऐसी हैं, जहां प्रत्याशी के नाम को लेकर पार्टी ने अपना ट्रंप कार्ड बचा कर रखा है। कुछ सीटों पर बीजेपी विपक्ष के प्रत्याशी के नाम सामने आने के बाद ही अपने पत्ते खोलना चाहती है। सूत्रों की मानें तो पार्टी के एक तिहाई विधायकों की रिपोर्ट अच्छी नहीं है।तो वहीं कुछ सीटों के विधायक और मंत्री अपनी सीटें बदलना चाहते हैं।

हालांकि पार्टी हाईकमान ऐसे सभी दावेदारों पर नजर बनाए हुए हैं। पार्टी सूत्रों का कहना है कि कई विधायकों की टिकट कटने जा रही है, विधायकों के टिकट कटने के बाद किसे चुनावी मैदान में उतारा जाए, यह मंथन चल रहा है। हालांकि भाजपा का नेतृत्व इस मंथन में जुटा है कि जो नेता बाहर से आए हैं, उनमें से किसे चुनावी मैदान में उतारा जाए और किसे नहीं।कुल मिलाकर बीजेपी के लिए तो टिकट वितरण बड़ी चुनौती है ही, वहीं विपक्ष के लिए भी जिताऊ उम्मीदवारों की खोज यक्ष प्रशन बना हुआ है।

 

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