Dharmendra Death: कभी नहीं छूटा फगवाड़ा से धर्मेंद्र का लगाव, अक्सर शेयर करते थे बचपन के किस्से

Dharmendra Death: कभी नहीं छूटा फगवाड़ा से धर्मेंद्र का लगाव, अक्सर शेयर करते थे बचपन के किस्से

Dharmendra Death: बॉलीवुड के फेमस अभिनेता धर्मेंद्र के निधन की खबर के बाद से फगवाड़ा में भी शोक की लहर दौड़ गई। फगवाड़ा पंजाब का वह शहर है जहां ही-मैन धर्मेंद्र ने अपना बचपन बिताया था। धर्मेंद्र कभी फगवाड़ा में बिताए अपने बचपन को नहीं भूले। अपनी पंजाब यात्राओं के दौरान वह फगवाड़ा जरूर जाया करते थे और बचपन के दोस्तों से मिलने के लिए समय निकालते थे।

फगवाड़ा के मंदिरों में दोस्तो ने की थी प्रार्थना

दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र को 10 नवंबर को अचानक तबीयत बिगड़ने पर मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उसी से फगवाड़ा के मंदिरों और गुरुद्वारों में, उनके बचपन के दोस्त और फैंस उनके लिए प्रार्थना कर रहे थे। इस दौरान उनके निधन के अफवाह भी उड़ी थी। बाद में डॉक्टरों ने उन्हें अस्पताल से घर भेज दिया था। तब से घर पर ही उनकी देखभाल की जा रही थी।

करण जौहर ने की मौत की पुष्टि

करण जौहर ने उनके निधन की पुष्टि करते हुए सोशल मीडिया पर पोस्ट की। इससे पहले आईएएनएस ने उनके निधन की खबर चलाई। बता दें कि फगवाड़ा में उनके बचपन के सबसे करीबी साथी समाजसेवक कुलदीप सरदाना, हरजीत सिंह परमार, एडवोकेट शिव चोपड़ा धर्मेन्द्र के साथ तब से थे जब उन्हें सिर्फ धरम के नाम से जाना जाता था। धर्मेंद्र के पिता मास्टर केवल कृष्ण चौधरी आर्य हाई स्कूल में गणित और सामाजिक अध्ययन पढ़ाते थे। धर्मेंद्र ने 1950 में यहीं से मैट्रिक की। 1952 तक रामगढ़िया कॉलेज में आगे की पढ़ाई की।

नहीं मिली थी रामलीला में भूमिका

फेमस होने के बाद भी धर्मेंद्र का फगवाड़ा से नाता कभी कम नहीं हुआ। स्कूल के दिनों, शिक्षकों, पुराने पैराडाइज थिएटर और शहर के बदलते स्वरूप के बारे में किस्से शेयर  करते हुए कई अविस्मरणीय शामें धर्मेन्द्र ने फगवाड़ा में बिताईं। एक किस्से में धर्मेंद्र ने एक बार बताया था कि अभिनय के दिनों से पहले, उन्हें कौमी सेवक रामलीला कमेटी द्वारा आयोजित एक रामलीला में भूमिका के लिए अस्वीकार कर दिया गया था। कई साल बाद उन्होंने अपने दोस्तों को चिढ़ाते हुए कहा कि क्या अब मुझे रामलीला में कोई भूमिका मिल सकती है। 

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