राजनाथ सिंह के अरुणाचल दौरे से चिढ़ा चीन

राजनाथ सिंह के अरुणाचल दौरे से चिढ़ा चीन

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के अरुणाचल प्रदेश के दौरे को लेकर चीन ने अपनी हेकड़ी दिखा रहा है। चीन ने राजनाथ सिंह के अरुणाचल प्रदेश दौरे को लेकर आपत्ति जाहिर की और कहा है कि उसने तथाकथित भारत के पूर्वोत्तर प्रदेश को मान्यता ही नहीं दी है। चीन दावा करता है कि अरुणाचल प्रदेश उसके दक्षिणी तिब्बत प्रदेश का हिस्सा है।

भारत और चीन के बीच 3488 किलोमीटर लंबी सीमा रेखा है। ये सीमा रेखा वास्तविक नियंत्रण रेखा के नाम से जानी जाती है। यहां भारत के नेताओं, सेना और अफसरों की मौजूदगी का चीन हमेशा से विरोध करता आया है। भारत ने हमेशा से कहा कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न हिस्सा है। भारत के नेता वहां का दौरा वैसे ही करते हैं जैसे देश के किसी और भाग का।

राजनाथ सिंह 14 और 15 नवंबर को अरुणाचल प्रदेश के दौरे पर थे। यहां पर रक्षा मंत्री 'मैत्री दिवस' कार्यक्रम में शिरकत करने आए थे। चीन से सटे भारत के सीमावर्ती इलाकों में बसे लोगों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध कायम करने के लिए भारत सरकार के प्रतिनिधि इन इलाकों में आते रहते हैं

राजनाथ सिंह के दौरे पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा कि चीन की सरकार ने तथाकथित अरुणाचल प्रदेश को कभी स्वीकार नहीं किया है। गेंग ने कहा, "हम उस इलाके में भारत के अधिकारियों या नेताओं की गतिविधियों की निंदा करते हैं।"

बता दें कि चीन अपनी विस्तारवादी नीति के तहत अरुणाचल प्रदेश को दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा बताता है और यहां पर भारत की मौजूदगी का विरोध करता है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, "हम भारतीय पक्ष से अपील करते हैं कि वे चीनी हितों और चिंताओं का ख्याल रखें और कोई भी ऐसा कदम उठाने से परहेज करें, जिससे बॉर्डर पर चीजें जटिल हो जाएं। भारत वहां शांति स्थापित करने के लिए वास्तविक रूप से कुछ कदम उठाए।"

रक्षा मंत्री ने चीन से लगे सीमावर्ती शहर तवांग में एक कार्यक्रम में कहा था कि यहां रहने वाले लोग रणनीतिक लिहाज से देश के लिए बेहद अहम हैं। राजनाथ सिंह ने कहा कि ये लोग महज भारत के नागरिक नहीं हैं बल्कि ये लोग भारत की रणनीतिक संपत्ति हैं।

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