नाहन: सोमवार को हिमाचल प्रदेश सरकार ने बसों का 25 प्रतिशत किराया बढ़ाया था. जिसको लेकर लोगों ने मंगलवार को पूरे राज्य में जगह-जगह विरोध प्रदर्शन किया. लोगों का कहना है कि कोरोना काल में हम पहले ही आर्थिक स्थिति की चुनौती का सामना कर रहे है. अब सरकार ने लोगों के ऊपर एक और बोझ डाल दिया है. सरकार को जनता किसी भी तरह की कोई फिक्र नहीं है. जयराम सरकार को अपना यह फैसला वापिस लेना चाहिए.
सोमवार को बढ़ाए गए बस किराए को लेकर जयराम सरकार के खिलाफ लोगों में बहुत रोष देखा गया है. प्रदेश सरकार ने इस महामारी के दौरान यह फैसला लेकर आम लोगों पर सीधी मार की है जबकि, ऐसे समय में सरकार को राहत देनी चाहिए थी. लोगों का कहना है कि सरकार का यह फैसला सीधा-सीधा बस ऑपरेटरों को फायदा पहुंचाएगा.
इसी मकसद को लेकर यह फैसला लिया गया है. अब इस खामियाजा लोगों के साथ-साथ एचआरटीसी को भुगतना पड़ेगा. लोगों का यह भी कहना है कि निजी बस ऑपरेटर एचआरटीसी के मुकाबले कम किराया लेकर सवारियां ढोते रहे हैं. अगर निजी बस ऑपरेटर पूरा किराया लेकर बस चलाते हैं तो उन्हें किसी प्रकार का घाटा नहीं होगा.
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