
हिंदी फिल्मों के महान अभिनेता दिलीप कुमार शुक्रवार को 93 वर्ष के हो गए और वह चेन्नई में आए बाढ़ पीड़ितों के प्रति एकजुटता दिखाने के लिए अपना जन्मदिन शांतिपूर्ण तरीके से मनाएंगे। कुमार की पत्नी सायरा बानो ने बताया, हम इस वर्ष केवल परिवार के साथ शांतिपूर्वक जन्मदिन बनाएंगे। वह चेन्नई में हुई त्रासदी से दु:खी है। यह एक बड़ी त्रासदी है और हमें नहीं लगता कि इस समय कोई भी खुशी मनाना सही होगा। सायरा वैसे भी दिलीप कुमार का जन्मदिन धूमधाम से मनाने के पक्ष में नहीं है क्योंकि उन्हें लगता है कि जब भी उनका जन्मदिन मनाया जाता है तो वह बीमार पड़ जाते है।
सायरा ने कहा, मुझे लगता है कि हम जब भी उनका जन्मदिन मनाते है, वह बीमार पड़ जाते है। मुझे लगता है कि उन्हें किसी की बुरी नजर लग जाती है क्योंकि जन्मदिन मनाते ही उनका स्वास्थ्य बिगड़ जाता है। दिलीप कुमार ने 1944 में ज्वार भाटाृ फिल्म से अभिनेता के रूप में अपने करियर की शुरूआत की थी जिसका निर्माण बॉम्बे टॉकीज ने किया था।
दिलीप कुमार ने अपने छह दशक के अभिनय करियर में अलग अलग तरह की फिल्मों में अपने अभिनय का जादू बिखेरा। उन्होंने रोमांटिक फिल्म अंदाज (1949(, रोमांच से भरभूर फिल्म आन (1952), नाटकीय फिल्म देवदास (1955), हास्य फिल्म आजाद (1955), ऐतिहासिक फिल्म मुगल-ए-आजम (1960) और सामाजिक विषय पर आधारित फिल्म गंगा जमुना (1961) में अपने अभिनय के अलग अलग रंग बिखेरे। बॉलीवुड के ट्रेजडी किंग के नाम से प्रसिद्ध दिलीप कुमार ने क्रांति (1981), शक्ति (1982), कर्मा (1986) और सौदागर ( 1991 ) जैसी कई फिल्मों में काम किया। उनकी अंतिम फिल्म किला (1998) है।
भारत सरकार ने भारतीय सिनेमा में उनके अतुलनीय योगदान के लिए उन्हें 1991 में पद्मभूषण, 1994 में दादासाहेब फाल्के पुरस्कार और इस वर्ष पद्म भूषण से नवाजा। पाकिस्तान सरकार ने भी उन्हें 1997 में अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान निशान ए इम्तियाज से सम्मानित किया।
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