HAPPY BIRTHDAY: 80 के हुए धर्मेंन्द्र

HAPPY BIRTHDAY: 80 के हुए धर्मेंन्द्र

बॉलीवुड में अपने दमदार अभिनय से दर्शकों का दीवाना बनाने वाले बॉलीवुड एक्टर धर्मेन्द्र 8 दिसंबर 2015 को 80वां जन्मदिन मना रहे है। आज के दौर में मशहूर अभिनेताओं की शर्ट उतारने की परंपरा की नीव धर्मेंन्द्र ने ही रखी थी। पढ़िए उनसे जुड़ी एसी ही दिलचस्प बातें......

धर्मेन्द्र अपने चार दशक लंबे सिनेमा करियर में लगभग 250 फिल्मों में अभिनय कर चुके है।  8 दिसंबर 1935 को पंजाब के फगवाड़ा में जन्मे धर्मेंन्द्र का रूझान बचपन के दिनों से ही फिल्मों की ओर था और वह अभिनेता बनना चाहते थे। धर्मेन्द्र फिल्मों की दीवानगी फिल्मों के लिए इस कद्र की थी कि वह फिल्म देखने के लिये वह कई मील पैदल चलकर शहर जाते थे। फिल्म अभिनेत्री सुरैय्या के वह इस कदर दीवाने थे कि उन्होंने 1949 में प्रदर्शित फिल्म दिल्लगी चालीस बार देख डाली थी। 1958 में फिल्म इंडस्ट्री की मशहूर पत्रिका फिल्म फेयर ने एक विज्ञापन निकाला, जिसमें नये चेहरों को बतौर अभिनेता काम देने की पेशकश की गयी थी। धर्मेन्द्र इस विज्ञापन को पढ़कर काफी खुश हुए अमेरिकन ट्यूबबैल में अपनी नौकरी को छोड़कर अपने सपनों को साकार करने मायानगरी मुंबई आ गए। 

मुंबई आने के बाद धर्मेन्द्र को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। धर्मेन्द्र को अपने सिने करियर के शुरुआती दौर में वह दिन भी देखना पड़ा था, जब निर्माता-निर्देशक उनसे यह कहते आप बतौर अभिनेता फिल्म इंडस्ट्री के लिए  उपयुक्त नहीं है और आपको अपने गांव वापस लौट जाना चाहिए। धर्मेन्द्र चूंकि विवाहित थे अत: कुछ निर्माता उनसे यह कहते कि यहां तुम्हें काम नहीं मिलेगा। इसी दौरान धर्मेंन्द्र की मुलाकात निर्माता-निर्देशक अर्जुर्न हंगोरानी से हुई, जिन्होंने धर्मेन्द्र की प्रतिभा को पहचान अपनी फिल्म दिल भी तेरा हम भी तेरे में बतौर अभिनेता काम करने का मौका दिया। फिल्म दिल भी तेरा हम भी तेरे की असफलता के बाद धर्मेंन्द्र ने कई सुपरहिट फिल्में दी। जिनमें अनपढ़, पूजा के फूल, बंदिनी, काजल जैसी कई सुपरहिट फिल्मों में काम किया। इन फिल्मों को दर्शकों ने पसंद तो किया लेकिन कामयाबी का श्रेय बजाय धर्मेंन्द्र के फिल्म अभिनेत्रियों को दिया गया।

1966 में प्रदर्शित फिल्म 'फूल और पत्थर' की सफलता के बाद सही मायनों में धर्मेन्द्र बतौर अभिनेता अपनी पहचान बनाने में सफल रहे। दिलचस्प बात है आज के दौर में मशहूर अभिनेताओं की शर्ट उतारने की परंपरा की नींव धर्मेंन्द्र ने ही इस फिल्म के जरिये रखी। वह फिल्म फेयर के सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार के लिये नामांकित भी किए गए। धर्मेन्द्र को प्रारंभिक सफलता दिलाने में निर्माता -निर्देशक ऋषिकेश मुखर्जी की फिल्मों का अहम योगदान रहा है । इनमें अनुपमा,मंझली दीदी और सत्यकाम जैसी फिल्में शामिल है। फूल और पत्थर की सफलता के बाद धर्मेन्द्र की छवि ही-मैन के रूप में बन गई। धर्मेन्द्र को इस छवि से बाहर निकालने में एक बार फिर से निर्माता -निर्देशक ऋषिकेश मुखर्जी ने मदद की। धर्मेन्द्र को लेकर उन्होंने चुपके चुपके जैसी हास्य से भरपूर फिल्म का निर्माण किया और धर्मेन्द्र ने हास्य अभिनय करके सबको आश्चर्यचकित कर दिया।

रूपहले पर्दे पर धर्मेन्द्र की जोड़ी हेमा मालिनी के साथ खूब जमी। यह फिल्मी जोड़ी सबसे पहले फिल्म शराफत से चर्चा में आई। वर्ष 1975 में प्रदर्शित फिल्म शोले में धर्मेन्द्र ने वीरू और हेमामालिनी ने बसंती की भूमिका में दर्शकों का भरपूर मनोंरजन किया। हेमा और धर्मेन्द्र की यह जोड़ी इतनी अधिक पसंद की गई कि फिल्म इंडस्ट्री में ड्रीम गर्ल के नाम से मशहूर हेमामालिनी उनके रीयल लाइफ की ड्रीम गर्ल बन गई। बाद में इस जोड़ी ने ड्रीम गर्ल,चरस ,आसपास, प्रतिज्ञा, राजा जानी,रजिया सुल्तान, अली बाबा चालीस चोर,बगावत, आतंक, द बर्निंग ट्रेन, रस, दोस्त आदि फिल्मों में एक साथ काम किया। 1975 में धर्मेन्द्र को शोले में काम करने का मौका मिला। इस फिल्म में अपने अल्हड़ अंदाज से धर्मेन्द्र ने दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया। 70 के दशक में हुये एक सर्वेक्षण के दौरान धर्मेन्द्र को विश्व के सबसे हैंडसम व्यक्तिव में शामिल किया गया। धर्मेन्द्र के प्रभावी व्यक्तिव के कायल अभिनय सम्राट दिलीप कुमार भी है। दिलीप कुमार ने धर्मेन्द्र की तारीफ करते हुये कहा था, जब कभी मैं खुदा के दर पर जाऊंगा मैं बस यही कहूंगा मुझे आपसे केवल एक शिकायत है आपने मुझे धर्मेन्द्र जैसा हैंडसम क्यों नही बनाया। धर्मेन्द्र को 1997 में फिल्मफेयर के लाइफटाइम एचीवमेंट अवार्ड  से सम्मानित किया गया। 2004 में राजस्थान के बीकानेर से भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़कर लोकसभा के सदस्य बने।

 

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