
दीवाली से एक दिन पहले रणबीर कपूर और दीपिका पादुकोण ने दिल्ली में दिवाली पार्टी मनाई। इस मौके पर हमने उनसे कुछ सवाल जवाब किए, कुछ गुफ्तगू की और दोनों ने अपने अपने मन की बात बड़ा खुलकर बताई। राजकपूर के दौर में दीवाली बेहद शानदार तरीके से मनाई जाती थी। तो क्या अब भी वैसा ही है? जब उनसे पूछा गया कि दीवाली के उनके लिए क्या मायने हैं तो रणबीर कपूर ने बताया- दादाजी (राज कपूर) की मौत के बाद चीजें काफी हद तक वैसी ही हो गईं जैसे अन्य परिवारों में होती है। मैं चेम्बूर में अपनी दादी के घर जाऊंगा, वहां हम लक्ष्मी पूजा करेंगे और स्टाफ को तोहफे देंगे।
उन्होंने बताया- वैसे तो कुछ खास नही, लेकिन मेरे पिता पत्तों में हार जाते तो मां आंखें तरेरती। शाम को हमें शगुन की फुलझड़ी तो जलानी ही होती लेकिन कोई पटाखे नहीं चलाते। फिर लक्ष्मी पूजा और उसके बाद अच्छा खाना..। दीपिका पादुकोण के परिवार में कैसे मनती हैं दीवाली.. पर दीपिका ने बताया कि उनकी दीवाली काफी हद तक वैसी ही होती है जैसी कि हाल ही में उनके द्वारा की गई एक ऐड जिसमें उनके पिता प्रकाश पादुकोण और मां उज्जवला पादुकोण भी दिखाई दे रही है। दीए और रंगोली के साथ दीवाली मनाते हैं और दीपिका और उनकी बहन को तोहफे मिलते है। उन्होंने कहा- हम चारों साथ मिले इस वक्त का भरपूर मजा लेते है।
तो क्या रणबीर कपूर ताश भी खेलते है? बोले रणबीर- मुझे पत्तों के बारे में कुछ नहीं पता। वैसे बता दूं कि दीपिका मुझे UNO सिखा रही थी। दीपिका ने भी बताया- UNO ही है जो मुझे आता है। दीवाली पर ताश का क्या खेल खेला जाता है, मुझे इसका कोई आइडिया नही। जब दूसरे लोग खेल रहे होते है, तब आप मुझे इस मौके पर सिर्फ मिठाइयों और दूसरी लजीज चीजों में घुसा हुआ पाएंगे। दोनों ने माना कि बॉलीवुड में दीवाली पर पूरी फिल्म इंडस्ट्री बच्चन परिवार के घर जाती है जहां शानदार तरीके से दीवाली मनाई जाती है। तोहफे? तो दीपिका ने कहा कि रणबीर उन्हें नई दिल्ली के एक बुटिक में उनके द्वारा पसंद किया गया एक बैग खरीद कर देने वाले है।
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