Nobel Peace Prize 2025 :अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस बार नोबेल शांति पुरस्कार जीतने से चूक गए हैं, जबकि वे खुद को इस सम्मान के प्रमुख दावेदार मान रहे थे। ट्रंप ने सार्वजनिक रूप से कई बार दावा किया था कि उन्होंने सात युद्ध रोकने में भूमिका निभाई है और रूस-यूक्रेन संघर्ष को रोककर आठवीं जंग भी समाप्त कर सकते हैं। इसके अलावा, पाकिस्तान और इजरायल जैसे देशों ने भी ट्रंप के समर्थन में आवाज उठाई थी। लेकिन नोबेल समिति ने उनके प्रयासों को नजरअंदाज कर दिया, जिस पर व्हाइट हाउस ने कहा कि नोबेल समिति शांति के बजाय राजनीति को प्राथमिकता देती है। व्हाइट हाउस के कम्युनिकेशन डायरेक्टर स्टीवन चुइंग ने ट्रंप की शांति के लिए प्रतिबद्धता की तारीफ करते हुए कहा कि वह लगातार युद्धों को खत्म करने और इंसानियत बचाने का काम करते रहेंगे।
वेनेजुएला की नेता मारिया मचाडो को मिला सम्मान
2025का नोबेल शांति पुरस्कार वेनेजुएला की विपक्षी नेता और मानवाधिकार कार्यकर्ता मारिया कोरिना मचाडो को दिया गया है। मचाडो पिछले 20वर्षों से वेनेजुएला में लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा और तानाशाही के खिलाफ शांतिपूर्ण संघर्ष कर रही हैं। नोबेल समिति ने कहा कि आज जब दुनिया में तानाशाही के बढ़ते खतरे और लोकतंत्र की कमजोर स्थिति है, तब मारिया मचाडो जैसे नेताओं की हिम्मत और संघर्ष उम्मीद की एक नई किरण है। उनका यह सम्मान लोकतंत्र और मानवाधिकारों की दिशा में एक महत्वपूर्ण संदेश माना जा रहा है।
नोबेल पुरस्कार में राजनीति और शांति के बीच विवाद
इस साल का नोबेल शांति पुरस्कार ऐसे समय में दिया गया है जब विश्व के कई हिस्सों में राजनीतिक तनाव और संघर्ष बढ़ रहे हैं। ट्रंप की तरफ से शांति प्रयासों को नजरअंदाज करने पर चर्चा जारी है। वहीं, नोबेल समिति ने स्पष्ट किया है कि पुरस्कार का चयन शांति और मानवाधिकारों के सच्चे संघर्ष के आधार पर किया जाता है। मारिया मचाडो के नाम पर यह फैसला तानाशाही के खिलाफ लड़ाई में लोकतंत्र की मजबूती को दर्शाता है। अब देखना यह है कि ट्रंप की शांति के लिए की गई कोशिशों को आगे कैसे देखा जाएगा और उनका राजनीतिक प्रभाव क्या रहेगा।
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