Pakistan News: हिंसा की आग में जलता पाकिस्तान…इस समय लाहौर समेत कई शहरों में हिंसा की चपेट में है। हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि कई जगहों पर इंटरनेट सेवाएं तक बंद करनी पड़ी हैं। दरअसल, लाहौर में पुलिस और इस्लामिक कट्टरपंथी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (TLP) के समर्थकों के बीच हुई हिंसक झड़प अब गंभीर रूप ले चुकी है।
सरकार से नाराज़ प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए हैं। देशभर में गुस्से की लहर दौड़ रही है और लोग पाकिस्तानी सरकार के उस कदम का विरोध कर रहे हैं, जिसमें उसने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के गाज़ा प्लान का समर्थन किया है। इसी मुद्दे पर TLP कार्यकर्ताओं ने ज़ोरदार प्रदर्शन किया। स्थिति नियंत्रण से बाहर होते देख पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने और लाठीचार्ज करने तक की नौबत आ गई।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, लाहौर की जामिया मस्जिद रहमत लिल आलमीन के बाहर जुमे की नमाज के लिए आए लोगों पर पंजाब पुलिस ने कथित तौर पर गोलियां चलाईं, जिससे दर्जनों TLP कार्यकर्ता घायल हो गए। इसके बाद शहर में तनाव और बढ़ गया, और प्रदर्शनकारियों का गुस्सा भड़क उठा।
इन शहरों में इंटरनेट सेवाएं बंद
हिंसा और उपद्रव के कारण हालात इतने बिगड़ गए कि पाक सरकार को कड़े कदम उठाने पड़े। इस्लामाबाद और रावलपिंडी में इंटरनेट सेवाएं सस्पेंड कर दी गई हैं। साथ ही इस्लामाबाद, रावलपिंडी, पेशावर और लाहौर के प्रमुख एंट्री और एग्जिट प्वॉइंट्स को सुरक्षा बलों ने सील कर दिया है।
सरकारी अधिकारियों का कहना है कि ये सुरक्षा उपाय TLP द्वारा आयोजित 'एंटी-इज़राइल मार्च' को रोकने के लिए किए गए हैं। यह मार्च "लब्बैक या अक्सा मिलियन मार्च" के बैनर तले इस्लामाबाद स्थित अमेरिकी दूतावास की ओर निकाला जाना था।
TLP की मार्च से पहले पूरे देश में कार्रवाई
पंजाब सरकार ने देश में बढ़ते तनाव को देखते हुए 18 अक्टूबर तक सभी सार्वजनिक सभाओं और रैलियों पर रोक लगाते हुए धारा 144 लागू कर दी है। प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए लाहौर के मुख्य रास्तों और इस्लामाबाद के फैजाबाद इंटरचेंज जैसे अहम इलाकों में कंटेनर लगाकर रास्ते बंद कर दिए गए हैं। हालांकि, देशभर में संचार सेवाओं पर असर और हालात बिगड़ने के बावजूद कट्टरपंथी समूहों ने विरोध जारी रखने का ऐलान किया है, जिससे पूरे पाकिस्तान में सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं।
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