
Vivah Panchami 2025: विवाह पंचमी जिसे मार्गशीर्ष शुक्ल पंचमी भी कहा जाता है। इस दिन को लेकर ये कहा जाता है कि इस दिन भगवान राम का विवाह माता सीता के साथ हुआ था। इसी वजह से इस तिथि को श्रीराम विवाहोत्सव के रूप में मनाया जाता है। भगवान राम चेतना के प्रतीक माने जाते हैं और माता सीता प्रकृति की शक्ति का स्वरूप हैं। इसलिए चेतना और प्रकृति के इस दिव्य मिलन का दिन अत्यंत पवित्र माना जाता है। आइए जानते हैं कि इस साल विवाह पंचमी की तारीख और शुभ मुहूर्त क्या है?
क्या है शुभ तिथि?
हिंदू पंचांग के अनुसार, विवाह पंचमी की तिथि 24 नवंबर को रात 9 बजकर 22 मिनट पर शुरू होगी। इस तिथि का समापन 25 नवंबर को रात 10 बजकर 56 मिनट पर होगा। ऐसे में उदिया तिथि के आधार पर विवाह पंचमी 25 नवंबर के दिन मंगलवार को मान्य है।
विवाह पंचमी का क्या है शुभ मुहूर्त?
विवाह पंचमी पर तीन अलग अलग प्रहर में पूजा का शुभ मुहूर्त रहेगा। द्रिक पंचांग के अनुसार, सुबह 4:20 बजे से सुबह 4:59 बजे तक ब्रह्म मुहूर्त रहेगा, जिसमें आप दान-स्नान कर सकते हैं। फिर सुबह 11:47 बजे से दोपहर 12:29 बजे तक अभिजीत मुहूर्त रहेगा। इसके बाद शाम 7:44 बजे से रात 8:44 बजे तक गोधुली मुहूर्त रहेगा। पूजा के लिए ये देनों ही मुहूर्त सर्वश्रेष्ठ रहने वाले हैं।
क्या है पूजा की विधि
विवाह पंचमी पर राम-सीता विवाह का संकल्प लें। सवेरे-सवेरे पूजा की तैयारी कर लें। इसके लिए एक चौकी पर भगवान राम और माता सीता की मूर्ति स्थापित करें. भगवान राम को पीले और माता सीता को लाल वस्त्र अर्पित करें. इसके बाद बालकांड के विवाह प्रसंग का पाठ करें या फिर “ॐ जानकीवल्लभाय नम:" इस मंत्र का 108 बार जप करें। पूजा के बाद दोनों का प्रतीकात्मक गठबंधन कर उनकी आरती उतारें और फिर अपने दांपत्य जीवन से जुड़ी समस्याओं के लिए प्रार्थना करें। अंत में गठबंधन में उपयोग किए वस्त्रों को शुभ संकेत मानकर अपने पास रख लें।
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