
Rafel Missile To Be Made In India: सैफ्रान दुनिया की सबसे बड़ी एयरोस्पेस कंपनियों में से एक है। यह हवाई जहाज, लड़ाकू विमान, हेलीकॉप्टर, मिसाइल और स्पेस रॉकेट के लिए इंजन, पार्ट्स और सिस्टम बनाती है। 2005में बनी यह कंपनी अब 92000 से ज्यादा लोगों को नौकरी देती है। साथ ही हर करीब 2.5 लाख करोड़ की आय करती है।
भारत में सैफ्रान के बड़े-बड़े पोजेक्ट
सैफ्रान भारत को अपना सबसे बड़ा पार्टनर मानती है। हाल ही के ऐलान के मुताबिक सैफ्रान भारत में एम88इंजन, हैमार मिसाइल, एलईएपी इंजन और हेलीकॉप्टर का इंजन बनाएगी। बेंगलुरु में एवियोनिक्स और एक्ट्यूटर्स का इंजीनियरिंग सेंटर और इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग यूनिट, लैंडिंग गियर, सीट्स और फ्यूल सिस्टम भी लोकल बनेंगे। ये प्रोडक्ट्स आत्मनिर्भर भारत को मजबूत करेंगे। सैफ्रान ने 2050 में 30 मिलियन यूरो से ज्यादा निवेश किया है।
भारत को क्या फायदा होगा?
भारत में इसके निर्माण होने से आत्मनिर्भर भारत को बल मिलेगा। इंजन, मिसाइलें विदेश से न खरीदनी पड़ेगी। साथ ही राफेल फ्लीट की सर्विस सस्ती होगी। इसके अलावा, विदेशी मुद्रा भंडार, लोकल कंपनियां को ऑर्डर मिलेंगे। भारत एशिया का एमआरओ हब बनेगा। वहीं, 100फीसदी टीओटी से भारत पांचवीं पीढ़ी के स्टिल्थ जेट इंजन बना सकेगा।
कैसे नाम आया सैफ्रान
सैफ्रान का नाम फ्रेंच में सफरन से आया है। जो बहुत कीमती मसाला है। ठीक वैसे ही जैसे कंपनी की टेक्नोलॉजी। भारत में सैफ्रान पिछले 70 साल के काम कर रही है। यहां 18 फैक्ट्रियां हैं। 3000 लोग काम करते हैं। मेक इन इंडिया को सपोर्ट करने के लिए कंपनी ने 2025 में हैदराबाद में अपनी सबसे बड़ी एमआरओ फैसिलिटी खोली है। सैफ्रान तीन मुख्य क्षेत्रों में काम करती है। प्रोपल्शन, इक्विपमेंट और डिफेंस। इसके कुछ बड़े प्रोडक्ट्स लीप इंजन, एम88 इंजन है।
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