
Advisory For MP Before Winter Session: संसद के शीतकालीन सत्र का आगाज एक दिसबंर से होने जा रहा है। इससे पहले सांसदों के लिए आचरण संबधी एक नियम जारी किए गए हैं। इस बुलेटिन को लेकर टीएमसी और कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने कड़ी नाराजगी जताई है। बुलेटिन में सांसदों के लिए कुछ नए निर्देश दिए गए हैं।
बुलेटिन के मुताबिक, सांसदों को थैक्स, थैंक यू, जय हिंद और वंदे मातरम जैसे शब्दों के इस्तेमाल से परहेज करने की सलाह दी गई है। इसके पीछे तर्क दिया गया है कि संसद की परंपराएं भाषण के अंत में इस तरह के स्लोगन की इजाजत नहीं देती। इसलिए इनसे बचना चाहिए।
वेल में प्रदर्शन करने पर रोक
बुलेटिन का दूसरा बड़ा निर्देश यह है कि अगर कोई सांसद किसी मंत्री की आलोचना करता है तो मंत्री से दिए जाने वाले जवाब के समय उस सांसद को सदन में मौजूद रहना अनिवार्य है। बुलेटिन के मुताबिक सांसद के वेल में आकर किसी भी वस्तु का प्रदर्शन नहीं कर सकते। इसके अलावा कई ऐसे व्यवहार से बचने की बात कही गई है, जो संसद की गरिमा या कार्यवाही में बाधा पैदा कर सकते हैं।
चेयर के फैसलों की आलोचना न करें
भाजपा का तर्क है कि शपथ ग्रहण के समय जय हिंद और वंद मातरम बोलने की परंपरा तो है लेकिन भाषण समाप्त करते हुए ऐसे नारे कार्यवाही में व्यवधान पैदा कर देता है। इसलिए बुलेटिन में दिए गए निर्देश पूरी तरह उचित है। बता दें कि राज्यसभा के बुलेटिन में यह बताया गया है कि सांसद के अंदर या बाहर चेयर के फैसलों की आलोचन करने से बचें। साथ में कहा गया है कि अगर कोई सदस्य दूसरे सदस्य की आलोचना करता है, तो जवाब सुनने के लिए सदन में मौजूद रहना होगा। जवाब के दौरान गैर-हाजिर रहना संसदीय आचरण का उल्लंघन माना जाएगा।
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