₹18,000 की सैलरी पर 3 लोगों का काम...IndiGo के पूर्व कर्मचारी ने बताया सच, एक लेटर ने खोले कई राज

₹18,000 की सैलरी पर 3 लोगों का काम...IndiGo के पूर्व कर्मचारी ने बताया सच, एक लेटर ने खोले कई राज

IndiGo Crisis:इंडिगो एयरलाइंस की हालिया उड़ान संकट ने पूरे देश को हिला दिया है, जहां सैकड़ों फ्लाइट्स कैंसल और डिले हो रही हैं। इसी बीच, एक पूर्व कर्मचारी का ओपन लेटर सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें कंपनी की आंतरिक समस्याओं को उजागर किया गया है। लेटर में ₹18,000 की कम सैलरी पर तीन लोगों का काम करने, मैनेजमेंट की लालच और 'टू बिग टू फेल' वाले एटीट्यूड की बात की गई है। कर्मचारी का कहना है कि यह संकट रातोंरात नहीं आया, बल्कि सालों की अनदेखी का नतीजा है। 07 दिसंबर को वायरल हुए इस लेटर ने इंडिगो की छवि पर सवाल उठाए हैं, जबकि DGCA ने कंपनी को शो-कॉज नोटिस जारी किया है। 

इंडिगो के पूर्व कर्मचारी का लेटर

बता दें, लेटर लिखने वाला इंडिगो में काम करने वाला पूर्व कर्मचारी है, जो खुद को एक सामान्य भारतीय बताते हैं। इसमें 2006 से कंपनी की शुरुआत का जिक्र है, जब कर्मचारी गर्व महसूस करते थे, लेकिन धीरे-धीरे गर्व अहंकार में और विकास लालच में बदल गया। कर्मचारी ने CEO पीटर एल्बर्स और टॉप मैनेजमेंट पर आरोप लगाया कि वे प्रॉफिट पर फोकस करते हैं, जबकि कर्मचारियों की थकान और सुरक्षा को नजरअंदाज करते हैं। लेटर में कहा गया कि ग्राउंड स्टाफ ₹16,000-18,000 की सैलरी पर 12 घंटे से ज्यादा काम करते हैं, तीन लोगों का बोझ उठाते हैं और यहां तक कि पैसेंजर्स की गालियां भी सुनते हैं।

लेटर के जरिए कर्मचारी ने पायलट्स की थकान और अनसेफ ड्यूटी टाइमिंग्स पर भी सवाल उठाए गए, जहां न जाने कितनी चेतावनियों को दबाया जाता है। कर्मचारी ने लिखा कि कंपनी 'टू बिग टू फेल' सोचती है, लेकिन यह संकट सालों की प्लानिंग फेलियर है। लेटर में रेगुलेटर की मिलीभगत का भी आरोप है। 

कर्मचारियों की शिकायतें

लेटर में कर्मचारियों की दुर्दशा पर जोर दिया गया है। ग्राउंड स्टाफ, इंजीनियर्स और केबिन क्रू की थकान, कम सैलरी और ह्यूमिलिएशन का जिक्र है। पायलट्स ने थकान उल्लंघन और असुरक्षित रोस्टरिंग की बात की, जहां चेतावनियां सुनने की बजाय धमकियां दी जाती हैं। कंपनी की मोनोपॉली और कॉम्पिटिटर्स को दबाने का भी आरोप है, जैसे अकासा एयर पर ओवर कैपेसिटी डिप्लॉय करना। कर्मचारियों को 'लकी टू हैव जॉब' कहा जाता है, जबकि टॉप मैनेजमेंट के ESOPs और पैकेज बढ़ते जाते हैं। यह संकट 07 दिसंबर को 650 फ्लाइट्स कैंसल होने के बाद उभरा, लेकिन लेटर कहता है कि यह सालों की अनदेखी है। CEO ने कर्मचारियों को लेटर लिखकर माफी मांगी, लेकिन लेटर में इसे अपर्याप्त बताया गया।

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