
Chhattisgarh Liquor Scam: छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले की जांच तेज हो गई है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गुरुवार को राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की 61.20करोड़ रुपये की संपत्ति को अस्थायी रूप से कुर्क कर लिया। यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA) के तहत की गई है। चैतन्य पर लगभग 1,000करोड़ रुपये के POC को हैंडल करने का आरोप है, जो राज्य को 2,500करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान पहुंचाने वाले इस घोटाले से जुड़ा है।
ED ने कुर्क की चैतन्य बघेल की संपत्ति
कुर्क की गई संपत्ति में 59.96करोड़ रुपये की 364आवासीय प्लॉट्स और कृषि भूमि शामिल हैं, जबकि 1.24करोड़ रुपये के बैंक बैलेंस और फिक्स्ड डिपॉजिट भी जब्त किए गए। ED के अनुसार, चैतन्य ने घोटाले के फंड्स का इस्तेमाल अपनी प्रोप्राइटरशिप फर्म M/s Baghel Developers के तहत 'Vitthal Green' रियल एस्टेट प्रोजेक्ट के विकास में किया। इससे पहले, ED ने इस मामले में 215करोड़ रुपये की अन्य अचल संपत्तियां कुर्क की थीं।
मालूम हो कि चैतन्य को 18जुलाई को गिरफ्तार किया गया था, जब ED ने भिलाई स्थित उनके और पिता के आवास पर छापेमारी की। यह गिरफ्तारी उनके जन्मदिन पर हुई, जिसे भूपेश बघेल ने 'मोदी-शाह का बर्थडे गिफ्ट' बताकर आलोचना की। वर्तमान में चैतन्य ज्यूडिशियल कस्टडी में हैं। ED ने सितंबर 2025में उनके खिलाफ 7,000पेज की सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की, जिसमें उन्हें सिंडिकेट का प्रमुख बताया गया।
क्या है छत्तीसगढ़ शराब घोटाले का मामला?
बता दें, यह मामला 2019से 2022के बीच छत्तीसगढ़ कांग्रेस सरकार के दौरान चले कथित शराब घोटाले से जुड़ा है। ED की जांच के अनुसार, अधिकारियों, राजनेताओं और शराब व्यापारियों के एक कार्टेल ने राज्य के शराब बिक्री से लगभग 2,161करोड़ रुपये अवैध रूप से वसूले। इसमें फर्जी होलोग्राम और बोतलों का इस्तेमाल कर सरकारी आउटलेट्स के माध्यम से अनधिकृत बिक्री की गई, जिससे राज्य के खजाने को भारी नुकसान हुआ।
जिसके बाद ED ने FIR के आधार पर जांच शुरू की, जो IPC की कई धाराओं और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दर्ज हुई थी। घोटाले से उत्पन्न POC को शेल कंपनियों और रियल एस्टेट निवेश के जरिए लॉन्डर किया गया। चैतन्य बघेल को इस सिंडिकेट का 'एपेक्स' बताया जा रहा है, जहां उन्होंने POC को कलेक्ट, ट्रांसफर और उपयोग करने में भूमिका निभाई।
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