
Bhimbandh Polling Booth: बिहार विधानसभा चुनाव 2025के पहले चरण की वोटिंग जारी है। इस बीच. राज्य में एक ऐतिहासिक क्षण देखने को मिला। नक्सल प्रभावित भीमबांध क्षेत्र के बूथ नंबर 310पर करीब 20साल बाद वोटिंग शुरू हुई। 2005में स्थानीय एसपी सी. सुरेंद्र बाबू समेत सात पुलिसकर्मियों की नक्सलियों द्वारा हत्या के बाद इस इलाके में मतदान प्रक्रिया सस्पेंड कर दी गई थी। लेकिन 2025में विधानसभा चुनाव के लिए आज गुरुवार को सुबह 7बजे से शुरू हुए मतदान में स्थानीय निवासियों ने उत्साह के साथ हिस्सा लिया, जो इस क्षेत्र में शांति और विकास की वापसी का प्रतीक बन गया। इस दौरान निर्वाचन आयोग (ECI) ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए, जिससे यह बूथ बिना किसी रुकावट के सक्रिय रहा।
भीमबांध का दर्दनाक इतिहास
बता दें, मुंगेर जिले का भीमबांध क्षेत्र लंबे समय से माओवादी नक्सलियों का गढ़ रहा है। 2005में एक घात लगाकर हुए हमले में एसपी सी. सुरेंद्र बाबू और उनके सात साथियों की निर्मम हत्या कर दी गई थी। इस घटना ने पूरे इलाके को दहला दिया था। सुरक्षा कारणों से मतदान सहित सरकारी सेवाएं ठप हो गईं। दूसरी तरफ, स्थानीय निवासी कई सालों से इस बूथ के खुलने की मांग करते रहे, लेकिन नक्सली धमकियों के कारण यह संभव नहीं हो सका।
ECI के अधिकारियों के अनुसार, पिछले कुछ सालों में सुरक्षा बलों की सक्रियता से नक्सल प्रभाव कम हुआ है, जिसके चलते इस बार बूथ को सक्रिय करने का फैसला लिया गया। एक सरकारी अधिकारी ने बताया 'यह बूथ नंबर 310है, जहां करीब 20सालों से वोटिंग नहीं हुई थी। अब सुरक्षा के पूर्ण इंतजाम के साथ मतदान सुचारू रूप से चल रहा है।' इलाके में तैनात केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) और स्थानीय पुलिस ने संयुक्त रूप से निगरानी की। साथ ही, ड्रोन और सीसीटीवी कैमरों से भी नजर रखी गई।
भीमबांध के निवासियों का उत्साह
स्थानीय मतदाताओं के चेहरों पर खुशी साफ झलक रही थी। एक बुजुर्ग मतदाता ने कहा '20 साल बाद वोट डालने का मौका मिला। पहले तो डर लगता था, लेकिन अब शांति है। यह लोकतंत्र की जीत है।' एक महिला मतदाता ने कहा 'हमारे बच्चों को अब घर के पास ही वोटिंग का अवसर मिलेगा। नहीं तो पहले घंटों पैदल चलना पड़ता था।' भीमबांध के निवासियों ने ईसीआई और राज्य सरकार का आभार जताया, जो इस क्षेत्र को मुख्यधारा से जोड़ने की दिशा में एक कदम है।
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