क्या है Ischemic Cerebrovascular Stroke बीमारी, जिसके शिकार बनें मिथुन चक्रवर्ती

क्या है Ischemic Cerebrovascular Stroke बीमारी, जिसके शिकार बनें मिथुन चक्रवर्ती

Ischemic Cerebrovascular Accident Stroke: बीते दिन दिग्गज एक्टर से नेता बने मिथुन चक्रवर्ती को कोलकातामें एक अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। डॉक्टर्स की टीम ने मिथुन की सेहत को लेकर आधिकारिक बयान जारी किया है जिसमें बताया है कि एक्टर मिथुन इस्केमिक सेरेब्रोवास्कुलर स्ट्रोक नामक बीमारी से जूझ रहे हैं। एक्टक के ब्रेन में इस्केमिक सेरेब्रोवास्कुलर नाम का स्ट्रोक पाया गया है। फिल्हाल एक्टर का इलाज चल रहा है और वह डॉक्टर्स की निगरानी में हैं। लेकिन क्या आप इस्केमिक सेरेब्रोवास्कुलर स्ट्रोक बीमारी के बारे में जानते हैं। अगर नहीं, तो हम आपको इस्केमिक सेरेब्रोवास्कुलर स्ट्रोक बीमारी के बारे में बताएंगे।

क्या है इस्केमिक सेरेब्रोवास्कुलर स्ट्रोक?

इस्केमिक सेरेब्रोवास्कुलर स्ट्रोक बीमारी एक तरह का स्ट्रोक है जो ब्रेन का ब्लड सर्कुलेशन में रुकावट पैदा करता है। दिमाग में बल्ड फ्लो की कमी होने के कारण ब्रेन में ऑक्सीजन और पोषक तत्व ठीक से नहीं पहुंच पाता है। एसे में जिससे ब्रेन में डैमेज होने का खतरा बढ़ जाता है।

किन कारणों से हो सकता है इस्केमिक सेरेब्रोवास्कुलर स्ट्रोक

इस्केमिक सेरेब्रोवास्कुलर स्ट्रोक बीमारी का सामना स्केमिक स्ट्रोक और हैमोरेजिक के कारण हो सकता है। हैमोरेजिक तब आते है जब ब्रेन में खून ले जाने वाली नसें फट जाती है जिसकी वजह से दिमाग में बल्ड का स्त्राव हो सकता है। वहीं, स्केमिक स्ट्रोक दिमाग में ब्लड पहुंचाने वाली नसों में ब्लॉकेज के कारण होता है।

इस्केमिक सेरेब्रोवास्कुलर स्ट्रोक के लक्षण

हाथ पैर और चेहरे का सुन्न पड़ना और अचानक कमजोरी होने के कारण आप इस्केमिक सेरेब्रोवास्कुलर स्ट्रोक के शिकार बन सकते हैं। इसके अलावा अचानक भ्रम होना, बोलने में दिक्कत होना, या किसी बात को समझने में परेशानी होनाआंखों में दिक्कत होना और देखने में परेशानी होनाचलने फिरने में दिक्कत होना, चक्कर आना और असंतुलित हो जानाबिना किसी वजह के सर दर्द होने जैस लक्षण नजर आने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

कैसे बचा जा सकता है?

इस्केमिक सेरेब्रोवास्कुलर स्ट्रोक बीमारी से बचने के लिए हेल्दी फूड को अपने मेन्यू में शामिल करें और एल्कोहल और तंबाकू से दूरी बनाएं। एक्सरसाइज, योग और वॉक जैसी एक्टिविटीज भी फायदेमाद साबित हो सकती हैं। इसके अलावा बीमारी की रोकथाम के लिए संबधित बीमारी के एक्सपर्ट से सलाह लें और उनके द्वारा दिए गए सुझावों का पालन करें।

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